17 दिसंबर को मोहल्ला लक्ष्मण गंज में 150 साल पुराना खंडहरनुमा बांकेबिहारी मंदिर मिला था। सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम राजेंद्र पैंसिया को प्रार्थना पत्र देकर मंदिर का जीर्णोद्धार कराने और मंदिर के पास ही गली में स्थित खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा किया था।
डीएम के आदेश पर उसी दिन खोदाई शुरू की गई तो बावड़ी अस्तित्व में आने लगी। पहले दिन बावड़ी की दीवारें दिखीं तो खोदाई में तेजी आई। दूसरे दिन खोदाई में कमरों के गेट और गेट के पीछे सुरंग नुमा गलियारा भी नजर आने लगा था। तीसरे दिन बावड़ी के अंदर उतरने के लिए सीढि़यां नजर आने लगीं थीं।
चौथे दिन 13 सीढ़ियां स्पष्ट दिखाई देने लगीं। रोजाना सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक खोदाई का कार्य चल रहा है। पांचवें दिन बुधवार को ऊपरी मंजिल का फर्श नजर आने लगा। लाल पत्थर का फर्श है। वहीं सीढ़ियों से सटकर दोनों ओर छह गेट नकासीदार बने हुए हैं। पांच गेट सादा हैं।
इसके पीछे कमरे नुमा गलियारा है। दोपहर में पहुंची एएसआई की टीम ने फर्श से मिट्टी हटवाकर जांच पड़ताल की। फर्श से लिंटर की ऊंचाई करीब साढ़े दस फीट बताई जा रही है।
बताया जाता है कि ऊपरी मंजिल के नीचे एक और मंजिल है और उसके नीचे कुआं है। जिसके चारों ओर सीढियां बनी हैं। बुधवार को शाम चार बजे मिट्टी हटाने का कार्य बंद कर दिया गया था। छठे दिन सुबह में पालिका की टीम ने ऊपरी मंजिल से मिट्टी हटाना शुरू कर दिया है।