तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है। इसको लेकर मौजूदा दलाई लामा ने कहा है कि अब उनका अगला उत्तराधिकारी चुनने का समय आ गया है। अभी तक बने दलाई लामा की बात करें तो तिब्बत में जन्में किसी बच्चे को ही यह पदवी दी जाती रही है। लेकिन वर्तमान में तिब्बत चीन के अधीन हैं, ऐसे में दलाई लामा अपना उत्तराधिकारी चीन से नहीं बल्कि एक स्वतंत्र देश से चुनना चाहते हैं।
दलाई लामा ने अपनी नई किताब वायल फॉर द वॉयसलेस में इस बात की पुष्टि की है कि उनके उत्तराधिकारी यानी अगले दलाई लामा का चुनाव चीन में नहीं बल्कि एक स्वतंत्र देश में होगा। दलाई लामा के इस स्वतंत्र देश वाली बात से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि वो जिस देश की बात कर रहें हैं वो चीनी नियंत्रण से अलग होगा और तिब्बती लोगों के अधिकारों के साथ-साथ आध्यात्मिक नेतृत्व की वकालत करने में पारंपरिक अपनी भूमिका का निर्वाह करेगा।
जुलाई में हो सकती है नए दलाई लामा की घोषणा
दलाई लामा के काम की बात करें तो उनका महत्वपूर्ण काम पूर्ववर्ती द्वारा किए काम को आगे बढ़ाना है। इसी वजह से नए दलाई लामा का चुनाव मुक्त देश में होगा, ताकि दलाई लामा पारंपरिक सोच और उद्देश्य को पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही वो दुनिया की करुणा की आवाज बने। तिब्बत बौद्ध धर्म का आध्यात्मिक नेता और तिब्बत के लोगों का प्रतीक बना रहे। ऐसे में अगले दलाई लामा की घोषणा जुलाई में की जा सकती है।
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दलाई लामा के चुनाव की बात करें तो इनके उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया और परंपरा सदियों से वही रही है, जो पूरी तरह से आध्यात्मिक है। नए दलाई लामा को तिब्बती लोगों और भिक्षुओं द्वारा दर्शन, संकेत और उनके सपनों की व्याख्या करने के अनुसार तय किया जाता है। दरअसल दलाई लामा को ‘तुलकु’ माना जाता है, जिसको बोधिसत्व अवलोकितेश्वर और करुणा का बोधिसत्व भी कहा जाता है।
दलाई लामा के चुनाव की है पारंपरिक प्रक्रिया
दलाई लामा चुनने की प्रक्रिया वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा तय की जाती है। जब किसी दलाई लामा की मृत्यु होती है तो मृत शरीर के शगुन के तलाश की जाती है। जैसा कि 13वें दलाई लामा की मृत्यु से पहले उनका शरीर दक्षिण की ओर था लेकिन मृत्यु के बाद वो पूर्व की ओर हो गया। जिससे माना गया कि अगला दलाई लामा पूर्व दिशा से ही पुनर्जन्म लेगा। बौद्ध भिक्षु तिब्बत में स्थित ल्हामोई लात्सो नाम की पवित्र झील में भी अगले दलाई लामा के पुनर्जन्म और उत्तराधिकारी की तलाश के बारे में सुराग खोजते हैं।