1 दिन पहलेलेखक: संदीप सिंह
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साइबर क्रिमिनल लोगों को ठगने के लिए हर रोज नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। हाल ही में ‘कॉल मर्जिंग स्कैम’ चर्चा में है। इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल्स कॉल मर्जिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों से वन-टाइम पासवर्ड (OTP) ले लेते हैं और उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
इसे लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) अकाउंट से चेतावनी जारी की है। NPCI ने कहा कि स्कैमर्स कॉल मर्जिंग के जरिए OTP चुरा रहे हैं, जिससे आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। इसलिए इस स्कैम को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि ‘कॉल मर्जिंग स्कैम’ क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- स्कैमर्स लोगों को कैसे अपने जाल में फंसाते हैं?
- इस स्कैम से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?
एक्सपर्ट: राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच, इंदौर
सवाल- कॉल मर्जिंग स्कैम क्या है?
जवाब- इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया बताते हैं कि स्कैमर एक अज्ञात नंबर से आपको कॉल करता है और कहता है कि उसने आपका नंबर किसी परिचित से लिया है। वह बताता है कि आपका वही परिचित किसी अन्य नंबर से आपको कॉल कर रहा है और आपसे उस कॉल को मर्ज करने की रिक्वेस्ट करता है। जबकि दूसरा कॉल आपके बैंक का OTP वेरिफिकेशन कॉल होता है। दोनों कॉल्स के मर्ज होते ही स्कैमर OTP सुन लेता है, जिससे वह आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल सकता है।
सवाल- कॉल मर्जिंग के जरिए किस तरह की जानकारी चोरी की जा सकती है?
जवाब- यह बेहद खतरनाक स्कैम है। इसमें स्कैमर्स कॉल के दौरान OTP के अलावा आपके बैंक अकाउंट की संख्या, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, CVV कोड जैसी फाइनेंशियल जानकारी जानने की कोशिश करते हैं। इससे वे आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं।

सवाल- क्या यह स्कैम नॉर्मल कॉलिंग पर ही होता है?
जवाब- आमतौर पर स्कैमर्स आपके मोबाइल नंबर पर ही कॉल करते हैं। इसमें वॉट्सएप कॉलिंग के मामले अभी सामने नहीं आए हैं।
सवाल- कॉल मर्जिंग स्कैम में किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है?
जवाब- कॉल मर्जिंग का अर्थ एक ही समय में दो या दो से अधिक कॉल्स को जोड़कर कॉन्फ्रेंस कॉल बनाना है। अक्सर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल टेलीफोनिक मीटिंग्स या इंटरव्यू के लिए होता है। इसके लिए स्कैमर्स VoIP (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) या क्लाउड कॉलिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके फर्जी बैंक अधिकारी, पुलिस या कस्टमर केयर बनकर कॉल मर्ज करने के लिए कहते हैं।

सवाल- इस स्कैम से बचने के लिए कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया बताते हैं कि अगर आपसे कोई अनजान व्यक्ति कॉल मर्ज करने के लिए कहे तो तुरंत कॉल काट दें। वहीं किसी परिचित के नाम से अनजान कॉल आता है तो उसके निजी नंबर पर कॉल करके इसकी पुष्टि करें। इसके अलावा कुछ और बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर कोई कॉल मर्जिंग स्कैम का शिकार हो जाए तो उसे तुरंत क्या करना चाहिए?
जवाब- अगर कॉल पर आपने किसी को बैंकिंग डिटेल्स या OTP शेयर किया है तो तुरंत बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क करें। उसे अपने अकाउंट को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने के लिए कहें। इसके बाद साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके इसकी शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाएं। जैसेकि-
- स्कैमर के नंबर को ब्लॉक कर दें, जिससे वह दोबारा संपर्क न कर सके।
- अपने फोन की कॉल हिस्ट्री और रिकॉर्डिंग को प्रूफ के तौर पर सेव करें।
- अगर आपको शक है कि आपकी सिम क्लोन की गई है तो तुरंत सिम ऑपरेटर से संपर्क करके सिम ब्लॉक करवाएं।
- बैंकिंग एप्स, ईमेल और अन्य अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें।
- इसके अलावा अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को अलर्ट करें, जिससे वे भी किसी फ्रॉड कॉल का शिकार न बनें।
सवाल- क्या कोई एप या सिक्योरिटी फीचर है, जो इस तरह की मर्जिंग को डिटेक्ट कर सकता है?
जवाब- ट्रूकॉलर जैसे एडवांस फीचर्स वाले एप्स हैं। इनकी मदद से आप संदिग्ध कॉल की पहचान कर सकते हैं। इसमें ‘स्पैम कॉल अलर्ट’ फीचर होता है, जो फेक कॉल्स को ब्लॉक करने में मदद करता है। इसके अलावा अपने फोन में ‘साइलेंस अननोन कॉलर्स’ फीचर ऑन करें। इससे अनजान और संभावित स्पैम कॉल्स ब्लॉक हो सकते हैं।
सवाल- क्या मोबाइल ऑपरेटर से इस तरह के फ्रॉड को ब्लॉक करवाया जा सकता है?
जवाब- हां, मोबाइल ऑपरेटर से अनऑथराइज्ड कॉल फॉरवर्डिंग को ब्लॉक करवा सकते हैं। इसके लिए अपने मोबाइल ऑपरेटर के कस्टमर केयर से संपर्क करें और रिक्वेस्ट करें कि आपके नंबर पर अनऑथराइज्ड कॉल फॉरवर्डिंग और मर्जिंग को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया जाए।
सवाल- आम यूजर्स के लिए कौन-कौन से अलर्ट या वेरिफिकेशन स्टेप्स जरूरी हैं?
जवाब- मोबाइल फोन यूजर्स को अपनी सिक्योरिटी, प्राइवेसी और डिवाइस की परफॉर्मेंस बनाए रखने के लिए कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये जरूरी टिप्स हर स्मार्टफोन यूजर के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। जैसेकि-
- अपने मोबाइल फोन के सिस्टम और एप्स को समय-समय पर अपडेट करें।
- बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन यानी फिंगरप्रिंट, फेस आईडी या वॉयस रिकग्निशन हमेशा ऑन रखें।
- किसी भी संदिग्ध ईमेल, लिंक या कॉल पर प्रतिक्रिया देने से पहले खुद से इसे वेरिफाई करें।
- USSD कोड ##002# से कॉल फॉरवर्डिंग चेक करें और सभी फॉरवर्डिंग डिसेबल करें।
- इसके अलावा आपकी कॉल डायवर्ट तो नहीं हो रही है यह चेक करने के लिए *#21# डायल करें।
- बिजी होने पर कॉल डायवर्टिंग को रोकें। इसके लिए ##67# डायल करें। अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स पर सावधानी बरतें।
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