जरूरत की खबर- होली की मौज में सावधानी भी जरूरी:  बच्चों का रखें खास ख्याल, होली खेलते हुए बरतें 10 सावधानियां, न करें 5 गलतियां
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जरूरत की खबर- होली की मौज में सावधानी भी जरूरी: बच्चों का रखें खास ख्याल, होली खेलते हुए बरतें 10 सावधानियां, न करें 5 गलतियां

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9 घंटे पहले

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आज देश भर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है। बाजारों में रंग-गुलाल, पिचकारियों और मिठाइयों की धूम मची हुई है। हालांकि होली खेलते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। दरअसल बाजार में मिलने वाले अधिकतर रंगों में केमिकल्स और टॉक्सिक सब्सटेंस होते हैं। ये रंग बच्चों से लेकर बड़ों तक हर उम्र के लोगों के लिए नुकसानदायक हैं। इसलिए सुरक्षित और आनंददायक होली मनाने के केमिकल वाले रंगों से बचना जरूरी है।

तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि केमिकल वाले रंग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने नुकसानदायक हैं? साथ ही जानेंगे कि-

  • होली खेलते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
  • होली पर बच्चों का खास ख्याल क्यों रखना चाहिए?

एक्सपर्ट: डॉ. शीना कपूर, डर्मेटोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर

सवाल- बाजार में मिलने वाले रंगों में किस तरह के हानिकारक केमिकल्स हो सकते हैं? जवाब- बाजार में मिलने वाले सिंथेटिक रंगों में कॉपर सल्फेट, एल्युमिनियम ब्रोमाइड, लेड ऑक्साइड जैसी खतरनाक चीजें मिली हो सकती हैं। इनका इस्तेमाल रंगीन पाउडर बनाने में किया जाता है। ये केमिकल वाले रंग हमारी सेहत के लिए कितने नुकसानदायक हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक में देखिए-

सवाल- होली खेलने से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- आज पूरे देश में होली का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग सुबह से ही रंगों और गुलाल के साथ होली खेलने में व्यस्त हैं। बाजारों में चहल-पहल बनी हुई है। हालांकि होली की मस्ती में सुरक्षा और सावधानियां बरतना भी जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- होली पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- बच्चों की स्किन बहुत नाजुक और सेंसिटिव होती है, इसलिए होली खेलते समय उनका खास ख्याल रखना जरूरी है। रंगों में मौजूद केमिकल्स से उन्हें एलर्जी, जलन, रैशेज और स्किन इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखें। जैसेकि-

  • सबसे पहले कोशिश करें कि छोटे बच्चे रंगों की होली न खेलें।
  • अगर बच्चे खुद रंग खेलना चाहें तो उन्हें हल्के गुलाल तक सीमित रखें, लेकिन जबरदस्ती उन पर रंग न डालें।
  • बच्चों के घर से बाहर निकलने से पहले उनके बालों और बॉडी पर हल्का सा नारियल या सरसों का तेल जरूर लगाएं। इससे रंग आसानी से छूट जाता है।
  • छोटे बच्चों को अकेला खेलने के लिए न छोड़ें। हमेशा एक एडल्ट उनके आसपास जरूर मौजूद रहे।
  • होली के दौरान पानी और रंग की वजह से फिसलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि बच्चे ऐसे स्थान पर खेलें, जहां फिसलन न हो।
  • पानी के गुब्बारे लगने से बच्चों को चोट लग सकती है और पक्के रंग उनकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए बच्चों को हल्के गुलाल और फूलों से होली खेलने के लिए प्रेरित करें।
  • बच्चों को बहुत ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर न भेजें। उन्हें घर के अंदर या सुरक्षित जगह पर ही खेलने दें।

सवाल- होली के रंगों से बालों को क्या नुकसान हो सकता है? जवाब- डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. शीना कपूर बताती हैं कि होली के रंग बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रंगों में मौजूद केमिकल्स, मेटलिक पिगमेंट्स और सिंथेटिक रंग बालों को रूखा, कमजोर बना सकते हैं। इसलिए बालों को रंगों के साइड इफेक्ट्स से बचाने के लिए तेल जरूर लगाएं और उन्हें कवर करके रखें।

सवाल- होली के रंगों को छुड़ाने के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- रंग छुड़ाने के लिए स्किन को जोर से रगड़ने से बचना चाहिए। इससे जलन, रैशेज और स्किन ड्राई हो सकती है। साथ ही गर्म पानी से रंग को छुड़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे रंग गहरा हो सकता है, जिसे हटाना और मुश्किल हो जाता है।

वहीं बालों से रंग निकालने के लिए उन्हें हल्के शैंपू से धोएं। अक्सर ज्यादा शैंपू करने से भी बाल रूखे हो जाते हैं। अगर बालों से रंग नहीं निकल रहा तो अगले दिन दोबारा शैंपू करें। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का ध्यान भी रखें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-

सवाल- अगर आंखों में रंग चला जाए तो क्या करें? जवाब- होली खेलते समय अगर रंग आंखों में चला जाए तो उन्हें मसलना बिल्कुल नहीं चाहिए क्योंकि इससे जलन और इन्फेक्शन बढ़ सकता है। इसके लिए सबसे पहले आंखों को ठंडे पानी से धोएं। अगर आंखों में जलन हो रही है तो गुलाब जल की कुछ बूंदें डाल सकते हैं या फिर डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।

सवाल- क्या सिंथेटिक रंगों से सांस संबंधी समस्या या एलर्जी हो सकती है? जवाब- हां बिल्कुल! सिंथेटिक रंगों से सांस संबंधी समस्या और एलर्जी होने का खतरा रहता है। खासकर उन लोगों को जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या एलर्जी से पहले से ही पीड़ित हैं। दरअसल इन रंगों में लेड, कॉपर सल्फेट और अन्य टॉक्सिक सब्सटेंस हो सकते हैं, जो सांस के जरिए फेफड़ों में दिक्कत पैदा कर सकते हैं।

सवाल- होली खेलने के लिए कैसे रंगों का चयन करना चाहिए? जवाब- होली खेलने के लिए केमिकल युक्त रंगों से बचें और ऑर्गेनिक या घर पर बने नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें। होली के बाद स्किन को हल्के गुनगुने पानी और माइल्ड साबुन से साफ करें। साथ ही मॉइश्चराइजर लगाना न भूलें।

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