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- What Things Should Be Kept In Mind While Setting A Target?, How To Get Target And Success, Hanuman And Lanka Story, Goddess Sita And Hanuman Story
23 मिनट पहले
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स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि जीवन में कोई एक लक्ष्य बनाओ और दिन-रात उसी लक्ष्य पर ध्यान लगाओ, तभी वह लक्ष्य हासिल हो सकता है। बिना लक्ष्य के काम करने से कोई लाभ नहीं है। लक्ष्य के बिना जीवन दिशाहीन हो जाता है। जब हम किसी लक्ष्य को तय करके काम करते हैं तो जीवन में उत्साह बना रहता है। संभव है कि पहले प्रयास में लक्ष्य पूरा न हो, लेकिन असफल होने के बाद भी सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
लक्ष्य तय करना एक ऐसा काम है, जिसे सतर्कता के साथ करना चाहिए। लक्ष्य तय करते समय ग्रंथों की कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी…
लक्ष्य स्पष्ट और अपनी क्षमता के अनुसार होना चाहिए
- रामायण में हनुमान, जामवंत, अंगद और अन्य वानर सीता की खोज करते हुए दक्षिण दिशा में समुद्र तट पर पहुंच गए थे। इन्हें संपाति ने बता दिया था कि देवी सीता रावण की लंका में है।
- इसके बाद हनुमान, जामवंत और वानरों ने सोच-विचार किया कि लंका जाकर देवी सीता की खोज कौन कर सकता है। बातचीत में सबसे पहले जामवंत ने कहा कि मैं तो बूढ़ा हो गया हूं और अब मैं समुद्र पार करके लंका नहीं जा सकता।
- अंगद ने कहा कि मैं लंका जा तो सकता हूं, लेकिन वापस आने में संदेह है। अंगद को यहां खुद पर भरोसा नहीं था, उसका आत्मविश्वास कमजोर था। इसके बाद जामवंत ने हनुमान को उनकी शक्तियां याद दिलाई।
- श्रीराम और सभी वानरों के कल्याण के लिए हनुमान ने सीता की खोज करने का लक्ष्य तय किया। सुग्रीव ने सभी वानरों से कहा था कि अगर सीता की खोज नहीं कर पाए तो वे सभी वानरों को खत्म कर देंगे। अगर सीता की जानकारी नहीं मिलती तो श्रीराम प्राण छोड़ देते, श्रीराम के बिना लक्ष्मण और पूरी अयोध्या के प्राणों का संकट हो जाता है। इन सभी की भलाई के लिए हनुमान ने तय किया था कि वे किसी भी तरह देवी सीता की खोज जरूर करेंगे।
- हनुमान ने सीता को देखा भी नहीं था तो सीता की खोज करने का काम असंभव जैसा ही था, फिर भी हनुमान को जब अपनी शक्तियां का स्मरण हुआ तो उनका आत्मविश्वास जागा कि वे ये काम कर लेंगे। इसके बाद वे तुरंत ही लंका जाने के लिए तैयार हो गए। हनुमान ने अपना लक्ष्य स्पष्ट रूप से तय कर लिया था कि किसी भी तरह उन्हें लंका जाने है और सीता की खोज करके राम को सूचना देनी है।
- हनुमान जामवंत, अंगद और सभी वानरों से विदा लेकर लंका की ओर उड़ चले। रास्ते में उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन कहीं रुके नहीं, क्योंकि उनके सामने उनका लक्ष्य था, सीता की खोज करना।
- जब हनुमान लंका पहुंचे तो उन्होंने पूरी लंका के सभी महल खोज लिए, लेकिन देवी सीता कहीं दिखाई नहीं दीं। पहले प्रयास में असफल होने के बाद हनुमान ने विचार किया असफल होकर लौटने से अच्छा है कि एक बार प्रयास करना चाहिए।
- दूसरे प्रयास में हनुमान सीता की खोज करते हुए अशोक वाटिका पहुंच गए, वहां उन्होंने एक स्त्री राक्षसियों की कैद में देखा, तब वे समझ गए कि यही देवी सीता हैं। इसके बाद हनुमान ने सीता से भेंट की, श्रीराम की मुद्रिका दी।
- हनुमान को मेघनाद ने ब्रह्मा जी की शक्ति से बंदी बना लिया था, इसके बाद हनुमान को लंका दरबार में ले जाया गया। रावण ने हनुमान की पूंछ में आग लगवा दी, इसके बाद हनुमान ने पूरी लंका में आग लगा दी थी और वे श्रीराम के पास लौट आए। श्रीराम को सीता के बारे में बताया। हनुमान की सूचना पर श्रीराम पूरी वानर सेना को लेकर लंका पहुंच गए। रावण का वध किया और देवी सीता को मुक्त कराया।
हनुमान की सीख
हनुमान जी ने हमें सीख दी है कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए और जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक हमें कहीं रुकना नहीं चाहिए। लक्ष्य तय करते समय हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हम वह लक्ष्य क्यों पाना चाहते हैं। हनुमान ने सीता की खोज को लक्ष्य बनाया ताकि श्रीराम के साथ ही सभी वानर और अयोध्या का कल्याण हो सके, रावण का वध हो और धर्म की स्थापना हो सके। अगर पहले प्रयास में असफलता मिलती है, तब हमें निराश हुए बिना फिर से कोशिश करनी चाहिए। लक्ष्य जब तक पूरा नहीं हो जाता, तब तक प्रयास करना चाहिए।