5 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

1) एक बार से अधिक हाल-चाल पूछ सकते हैं अगर कोई कहे, ‘मैं ठीक हूं,’ तो दोबारा पूछें। कहें कि ‘सुबह आपने कहा था कि आप ठीक हैं, लेकिन वास्तव में अभी आप कैसा महसूस कर रहे हैं?’ फिर उनके अनुसार बातचीत को आगे बढ़ाएं।
2) कुछ और भी पूछें जब कोई ‘मैं ठीक हूं’ कहे, तो आप कह सकते हैं- ‘अगर आप कभी ठीक न हों, तो क्या आप मुझे बताएंगे? मैं आपकी बात सुनने के लिए यहां उपलब्ध हूं।’
3) पहले की बातचीत को याद रखें और दोबारा पूछें उदाहरण के लिए, ‘मुझे याद है कि आपने अपने पापा की सर्जरी के बारे में मुझे बताया था। मैं पूछना चाह रहा था कि अब वे कैसे हैं?’ इससे सहकर्मी को आप पर भरोसा होगा। उसे लगेगा कि आप उसकी परवाह करते हैं।
4) बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें और विनम्रता अपनाएं हर कम्युनिकेशन में तीन तत्व होते हैं-शब्द, आवाज का लहजा यानी टोन और बॉडी लैंग्वेज। अगर कोई झुकी हुई मुद्रा या उदास चेहरे के साथ ‘मैं ठीक हूं’ कहे, तो समझें कि वे वास्तव में ठीक नहीं हो सकते। तब उनसे बेहद हल्के स्वर में पूछें, ‘अगर आप मुझसे अपनी कोई बात साझा करना चाहें, तो मैं यहां आपके लिए उपलब्ध हो सकता हूं।’
5) खुलकर बात करें जब कोई आपसे पूछे कि आप कैसे हैं, तो सच्चाई साझा करें। जैसे, ‘सच कहंू, आज मेरा दिन अच्छा नहीं रहा।’ इससे सामने वाले को अपनी भावनाएं व्यक्त करने की प्रेरणा मिलेगी।
6) सुरक्षित माहौल बनाएं बिना मांगे सलाह न दें, और अगर कोई खुलकर बात नहीं करना चाहता है, तो उनके फैसले का पूरा सम्मान करें।