टिप्स:  दोस्त के बॉस बनें, तो 5 बातें ध्यान रखें
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टिप्स: दोस्त के बॉस बनें, तो 5 बातें ध्यान रखें

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14 घंटे पहले

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  • काम पर आपके अच्छे दोस्तों का होना आपकी संतुष्टि, प्रदर्शन और उत्पादकता को बढ़ा सकता है। लेकिन करीबी दोस्ती में भी टकराव की संभावना हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो उच्चतर पदों पर काम करते हैं। और अगर दोस्तों में से किसी एक व्यक्ति को नेतृत्व पद पर पदोन्नत किया जाता है, तो नए बॉस को सीधे रिपोर्ट करने वालों का निष्पक्ष मूल्यांकन करना होगा, चाहे वे दोस्त हों या नहीं। अगर आप इस स्थिति में खुद को पाते हैं, तो क्या करना चाहिए? यहां पांच तरीके दिए गए हैं, जो बॉस और दोस्त के बीच सही संतुलन बनाने में मदद कर सकते हैं।

1) इस परिवर्तन को सहजता से स्वीकार करें अगर आप अभी एक नए लीडर हैं, जो अपने दोस्त को लीड कर रहे हैं, तो इस बात को स्वीकार करें कि अब आपके और आपके दोस्त के संबंध में बदलाव आ गया है। इस बारे में स्पष्ट रूप से बताएं कि आप अपनी नई स्थिति में कैसा महसूस करते हैं और आप किसी भी अजीब परिस्थिति से बचने के लिए क्या कदम उठाना चाहते हैं।

2) अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप व्यवहार करें एक मैनेजर के रूप में आपका व्यवहार भी आपकी नई जिम्मेदारियों के अनुरूप ही होना चाहिए। जब आप एक टीम के लीडर बन जाते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी टीम के सदस्यों के बीच होने वाले छोटे-मोटे या बड़े टकराव को हल करना हो जाती है, न कि सहकर्मियों के बारे में किसी भी तरह की बेकार की गपशप में शामिल होना।

3) हमेशा तर्कयुक्त और निष्पक्ष बने रहें एक बार लीडर बन जाने के बाद इस बात का खास ख्याल रखें कि किसी को भी विशेष प्राथमिकता नहीं दें। अगर आपकी टीम के सदस्य आप पर पक्षपाती होने का संदेह करते हैं, तो बहुत संभव है कि वे आपके या उस व्यक्ति के प्रति अरुचि का भाव रखने लग सकते हैं, जिसका आप पक्ष लेते हैं। लोगों के साथ जहां तक हो सके, तर्कयुक्त और निष्पक्ष रवैया अपनाएं।

4) अपनी भावनाओं को रुकावट न बनने दें आपके बॉस होने का यह मतलब होता है कि आपको यह सहज रूप से स्वीकार करना होगा कि सभी लोग आपको पसंद नहीं करेंगे। साथ ही आपको ऐसे कठिन निर्णय भी लेने होंगे, जो आपके कर्मचारियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए आपको वेतन, असाइनमेंट और छंटनी के बारे में अपने निर्णयों को अपनी दोस्ती से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

5) सोशल मीडिया पर अपनी सीमा तय करें अपने सहकर्मियों को सोशल मीडिया पर फॉलो करना कार्य की सीमाओं को धुंधला भी कर सकता है। अगर फिर भी आप अपने सहकर्मियों को सोशल मीडिया पर मित्र बना ही लेते हैं, तो जहां तक संभव हो ऐसी कोई जानकारी उनके साथ शेयर न करें, जो आप उनके साथ ऑफिस में नहीं शेयर कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर आपको खुद अपनी सीमा तय करनी होगी।



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