इसी दौरान, सुबह करीब 5:30 बजे खमरिया पट्टी के पास बाइक से जा रहे तीन संदिग्धों को रोकने के लिए घेराबंदी की। तीनों माधोटांडा मार्ग की तरफ मुड़ गए। वहां खुद को घिरता देख आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में तीनों जख्मी हो गए। उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बाद में जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पांडेय ने बताया, मुठभेड़ में घायल सिपाही शाहनवाज व बिजनौर के सुमित राठी का इलाज चल रहा है।
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े थे तीनों
पंजाब पुलिस के अनुसार, तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े हुए थे। सरगना अगवां का ही रहने वाला वरिंदर था। पंजाब के डीआईजी सतिंदर सिंह ने बताया कि ग्रेनेड हमले के बाद आतंकियों के पीलीभीत में छिपे होने की सूचना थी। पुलिस पता लगा रही है कि आतंकियों ने पीलीभीत ही क्यों चुना, उनसे मिली बिना नंबर की बाइक किसकी थी।
पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी सफलता
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया, 18 दिसंबर को बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला हुआ था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने सोशल मीडिया के जरिये हमले की जिम्मेदारी ली थी। मुठभेड़ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी सफलता है। पंजाब के जिलों में इस महीने तीन धमाके हुए हैं। शुरुआती जांच के मुताबिक, मॉड्यूल का नियंत्रण केजेडएफ के मुखिया रंजीत सिंह नीता के हाथ में था। इसका संचालन ग्रीस में रह रहा जसविंदर सिंह मन्नू कर रहा था, जो खुद भी कलानौर के अगवां गांव का रहने वाला है।