बजट 2025- महिलाओं को सस्ता बिजनेस लोन:  फर्स्ट टाइम आंत्रप्रेन्योर को 5 साल में ₹2 करोड़ का टर्म लोन, 8 करोड़ महिलाओं को न्यूट्रिशनल सपोर्ट
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बजट 2025- महिलाओं को सस्ता बिजनेस लोन: फर्स्ट टाइम आंत्रप्रेन्योर को 5 साल में ₹2 करोड़ का टर्म लोन, 8 करोड़ महिलाओं को न्यूट्रिशनल सपोर्ट

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नई दिल्ली7 घंटे पहले

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सरकार ने बजट 2025-26 में महिलाओं की उम्मीद के मुताबिक कोई ऐलान नहीं किया। महिला वित्त मंत्री से देश की 68 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदें थीं। सरकार ने 5 लाख महिला और SC/ST उद्यमियों के लिए नई योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत सस्ता बिजनेस लोन मिलेगा।

फर्स्ट टाइम आंत्रप्रेन्योर यानी पहली बार के उद्यमियों के लिए 5 साल में 2 करोड़ रुपए का टर्म लोन मिलेगा। वहीं, सरकार ने सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के लिए 21,960 करोड़ रुपए दिया है। पिछले साल 20,071 मिला था। यह 8 करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 20 लाख लड़कियों के न्यूट्रिशन पर खर्च होगा।

यहां से उम्मीद थी, कुछ नहीं मिला…

  1. ग्रामीण महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांस्फर स्कीम।
  2. लखपति दीदी स्कीम का दायरा 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने की उम्मीद थी।
  3. महिला सम्मान सर्टिफिकेट (MSSC) स्कीम में ब्याज को 7.5% पर रखा गया। बढ़ाए जाने की उम्मीद थी।
  4. मनरेगा में महिला वर्कर के लिए हिस्सेदारी और दिहाड़ी बढ़ाने का ऐलान नहीं किया गया। अभी ₹221 प्रतिदिन है।
  5. महिला किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की राशि में कोई बदलाव नहीं। अभी ये सालाना ₹6000 है।

भारत में महिलाओं की स्थिति

पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक, 2017-18 के दौरान देश के कुल कामकाजी लोगों में 23.3% महिलाएं थीं। 2021-22 में इनकी हिस्सेदारी 9.5% बढ़कर 32.8% हो गई। इस दौरान शहरी महिलाओं की हिस्सेदारी 24.6% बढ़ी, जबकि ग्रामीण महिलाओं की हिस्सेदारी में 36.6% बढ़ी।

आर्थिक मोर्चे पर स्थिति…

  • देश में कुल 252 करोड़ बैंक अकाउंट हैं, इनमें 36.4% (करीब 91.77 करोड़ ) अकाउंट महिलाओं के नाम हैं।
  • बैंकों में जमा कुल 187 लाख करोड़ रुपए में 20.8% (39 लाख करोड़ रुपए) महिलाओं के खाते में हैं।
  • शहरों में रहने वाली महिलाओं की तुलना में ग्रामीण महिलाएं ज्यादा अमीर हैं।
  • मेट्रो शहर में रहने वाली महिलाओं के खाते में कुल जमा का 16.5% (करीब 1.9 लाख करोड़ रुपए) है।
  • ग्रामीण महिलाओं के खाते में यह राशि 30% (करीब 5.91 लाख करोड़ रुपए) है।

वर्कफोर्स में महिलाएं…

  • कॉर्पोरेट में सीनियर मैनेजमेंट पोजिशन पर काम करने वाले 186,000 लोगों में केवल 34,879 महिलाएं हैं।
  • बैंकिंग सेक्टर काम करने वाले हर 4 लोगों में एक महिला है। 13.20 लाख टोटल लोगों में 4.41 लाख महिलाएं हैं।
  • कंपनियों में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पोजिशन पर 7,62,000 महिलाएं हैं, जबकि पुरुषों की संख्या 19 लाख है।
  • मैनेजेरियल पोजिशन पर यह नंबर 738,000 है, जबकि इस पोजिशन पर 18.6 लाख पुरुष हैं।
  • इन पदों पर 2017 में 23,685 महिलाएं काम कर रहीं थी, 2023 में यह बढ़कर 34,879 पर आ गया।
  • मैनेजेरियल पोजिशन पर काम करने वाले पुरुषों की संख्या 2017 के 150,300 के मुकाबले 2023 में 186,900 पहुंच गया।

हिंसा और अपराध…

  • 2024 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की 25,743 शिकायतें मिलीं। इनमें सबसे ज्यादा 24% (6,237) घरेलू हिंसा की थीं।
  • 2024 में दहेज उत्पीड़न के मामले 17% (4,383) रहे और दहेज हत्याओं की 292 शिकायतें दर्ज हुईं।
  • 5 साल पहले यानी 2019 में कुल शिकायतें 19,730 थीं, जो 2020 में बढ़कर 23,722 हो गईं।
  • कोरोना महामारी के दौरान 2021 और 2022 में महिलाओं के खिलाफ 30,000 से ज्यादा अपराध के मामले दर्ज हुए।
  • 2024 में सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से 54%आईं। इसके बाद दिल्ली (9%), महाराष्ट्र (5.1%), बिहार (4.8%) और मध्य प्रदेश से (4.2%) आईं।

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