ट्यूबरक्लोसिस, एक क्रोनिक संक्रामक संक्रमण है जो एयरबॉर्न बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस के कारण होता है। यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन लगभग शरीर का कोई भी अंग इससे प्रभावित हो सकता है। ट्यूबरक्लोसिस मुख्य रूप से तब फैलता है जब लोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दूषित हवा में सांस लेते हैं जिसे सक्रिय बीमारी है। ट्यूबरकुलोसिस को टीबी भी कहा जाता है। टीबी शरीर में होने वाला एक खतरनाक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिसके कई कारण हो सकते हैं। गणेश डायग्नोस्टिक, दिल्ली, एमबीबीएस, एमडी, वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रविन शर्मा ने बताया कि टीबी की बीमारी होने के क्या कारण होते हैं और टीबी में क्या खाना चाहिए।
डॉ. रविन शर्मा के मुताबिक, टीबी होने पर बैक्टीरिया तेजी से फेफड़ों पर हमला करते हैं, लेकिन इसके चलते टीबी के मरीज की किडनी, रीढ़ और दिमाग भी प्रभावित होते हैं। टीबी खांसी और छींकने से निकलने वाली हवा में मौजूद छोटी बूंदों से फैलती है। यह बीमारी उन लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है जिनके शरीर में पोषण की कमी होती है। इसलिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें।
टीबी के लक्षण
टीबी एक संक्रामक बीमारी है। अगर किसी को टीबी हो जाती है तो उसमें कुछ खास लक्षण दिखते हैं। जिसमें तेज बुखार, ठंड लगना, भूख न लगना, अत्यधिक थकान और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखते हैं।
किस विटामिन की कमी से टीबी का खतरा?
‘क्लीनिकल इनफेक्शियस डिजीज’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों में विटामिन ए की कमी होती है, उनमें टीबी होने का खतरा दूसरों की तुलना में 10 गुना अधिक होता है। निष्कर्ष कहते हैं कि विटामिन ए टीबी के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण है। टीबी दुनिया भर में मौत का एक बड़ा कारण है। अमेरिका के बोस्टन में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखिका मेगन मरे ने कहा कि अगर विटामिन ए से भरपूर आहार टीबी को रोकने में मदद करता है, तो प्रभावित रोगियों और उनके रिश्तेदारों को विटामिन ए से भरपूर पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
टीबी में क्या खाना चाहिए?
टीबी से पीड़ित लोगों को खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ. रविन शर्मा ने बताया कि टीबी के मरीजों का क्यों खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
मैक्रो और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर भोजन
टीबी के मरीज को अपने खाने में मैक्रो और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर आहार शामिल करना चाहिए। प्रोटीन की मात्रा ज्यादा रखें। इसके लिए सोया, टोफू, डेयरी उत्पाद, अंडे और लीन मीट, अमीनो एसिड का सेवन करें। ये चीजें संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं और मांसपेशियों के विकास में भी मदद करती हैं।
कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन
कैलोरी से भरपूर और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाने से टीबी से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। इसके लिए केला, अनाज दाल का सूप, मूंगफली की चिक्की, गेहूं और रागी को शामिल करें। सूरजमुखी के बीज, चिया के बीज, कद्दू के बीज और अलसी के बीज जैसे बीज खाएं, जो जिंक और अन्य पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
एनर्जी देने वाले कार्बोहाइड्रेट और विटामिन
साबुत अनाज और बाजरा जैसे एनर्जी देने वाले कार्बोहाइड्रेट खाएं, जिनमें कैलोरी कम और कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं। इसके साथ ही विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार लें, जिसमें विटामिन ए, बी, सी और ई से भरपूर फल और सब्जियां शामिल हों।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स
प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को सक्रिय करने और हानिकारक मुक्त कणों को रोकने के लिए आहार में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए, सी और ई से भरपूर फूड्स शामिल करें। इससे रिकवरी में तेजी आएगी और स्वास्थ्य बेहतर होगा।
इसके अलावा खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई।