भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुल सकते हैं:  अमेरिकी बाजार 2% तक गिरा, हॉन्गकॉन्ग के बाजार में 4% की गिरावट; टैरिफ का असर
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भारतीय बाजार गिरावट के साथ खुल सकते हैं: अमेरिकी बाजार 2% तक गिरा, हॉन्गकॉन्ग के बाजार में 4% की गिरावट; टैरिफ का असर

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मुंबई53 मिनट पहले

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शेयर बाजार में आज यानी, बुधवार 9 अप्रैल को गिरावट देखने को मिल सकती है। अमेरिकी और एशियाई बाजारों से लेकर NSE के इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला गिफ्टी निफ्टी नीचे ट्रेड कर रहा है। इससे बाजार के नीचे खुलने का संकेत मिल रहा है।

बाजार के गिरकर खुलने के अनुमान की 3 वजह

  • एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 3% गिरकर कारोबार कर रहा है। वहीं हॉन्गकॉन्ग के इंडेक्स में 4.16% की गिरावट है।
  • NSE के इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला गिफ्टी निफ्टी भी 1% से ज्यादा नीचे है। ये बाजार के नीचे खुलने का संकेत दे रहा है।
  • अमेरिका के डाउ जोन्स इंडेक्स में 0.84% की गिरावट रही। S&P 500 इंडेक्स 1.57% और नैस्डेक कंपोजिट 2.15% गिरा।

कल सेंसेक्स 1135 अंक और निफ्टी 374 अंक चढ़ा था

8 अप्रैल को सेंसेक्स 1135 अंक या 1.55% चढ़कर 74,273 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में 374 अंक या 1.69% की तेजी रही, ये 22,535 के स्तर पर बंद हुआ है।

कल के कारोबार में मीडिया, रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी दिखी। निफ्टी मीडिया इंडेक्स 4.72% चढ़ा। वहीं निफ्टी पीएसयू बैंक और रियल्टी इंडेक्स करीब 2.50% चढ़े। FMCG, आईटी और ऑटो में करीब 2% की तेजी रही।

बाजार में अस्थिरता की वजह

3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।

इस कदम ने टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है। अमेरिका के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा।

चीन के ऐलान के बाद ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार से 50% एडिशनल टैरिफ लागू होगा। इस ऐलान के बाद व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बताया कि ये टैरिफ लागू हो गया है।

टैरिफ वॉर ने इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता को बढ़ा दिया है। टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है।

9 अप्रैल से लागू हुए रेसिप्रोकल टैरिफ

अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू हो गए हैं। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

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चीन पर लगाए गए 104% टैरिफ के बाद मंगलवार 8 अप्रैल को अमेरिकी शेयर बाजार लगातार चौथे कारोबारी दिन गिरावट में बंद हुए। डाउ जोन्स इंडेक्स 320 अंक या 0.84% की गिरावट के साथ 37,645 के स्तर पर आ गया है। शुरुआती कारोबार में इसमें करीब 4% की तेजी थी।

वहीं, अमेरिकी बाजार का S&P 500 इंडेक्स 79.48 अंक या 1.57% की गिरावट के साथ 4,982 के स्तर पर बंद हुआ। टेक्नोलॉजी शेयरों के इंडेक्स नैस्डेक कंपोजिट में 335 पॉइंट या 2.15% की गिरावट रही। ये 15,268 के स्तर पर बंद हुआ।

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