महाकुंभ 2025 : कुंभनगरी आकर 48,500 लोग परिजनों से बिछड़े, पुरुषों के बिछुड़ने की संख्या अधिक
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महाकुंभ 2025 : कुंभनगरी आकर 48,500 लोग परिजनों से बिछड़े, पुरुषों के बिछुड़ने की संख्या अधिक

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Mahakumbh 48,500 people got separated from their families after coming to Kumbhnagari

खोया पाया केंद्र महाकुंभ।
– फोटो : अमर उजाला

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कुंभ नगरी में स्नान के लिए पहुंचे 48,500 लोग अपने परिजनों से बिछुड़े। खास बात यह कि परिजनों से बिछुड़ने वालों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या अधिक रही यह सभी कुछ दिनों के इंतजार के बाद अपने परिजनों तक पहुंच गए। मेले में सिर्फ छह साल का एक बच्चा ही ऐसा रहा, जो अब तक परिजनों तक नहीं पहुंच सका।

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कुंभ नगरी में परिजनों से बिछुड़ने वालों की मदद के लिए तीन केंद्र काम कर रहे थे। इनमें एक सरकार की ओर से बना डिजिटल भूला-बिसरा केंद्र रहा जबकि दो स्वयंसेवी संगठनों ने संचालित किया। इनमें सबसे पुराना भारत सेवा केंद्र (1946) एवं हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति (1954) शामिल रहीं। भूले भटकों के लिए सबसे अधिक मददगार भारत सेवा केंद्र एवं हेमवती नंदन बहुगुणा समिति रहा।

भारत सेवा केंद्र संचालक उमेश चंद्र तिवारी के मुताबिक 12 जनवरी से आरंभ हुए केंद्र में बुधवार तक कुल 10,931 पुरुष एवं 8,100 महिलाओं समेत 17 बच्चे बिछड़े। हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति संचालक संत कुमार पांडेय के मुताबिक 10 जनवरी से 15 फरवरी के बीच 5500 महिलाओं एवं 24 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया। सिर्फ छह साल का बाबुल ही परिजनों तक नहीं पहुंच सका। उसे चाइल्ड लाइन में रखा गया है। वहीं, डिटिजल केंद्र के जरिये करीब 24 हजार लोग बिछुड़ने के बाद परिवार से मिले। यहां आने वालों में भी पुरुषों की संख्या अधिक रही।



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