5 घंटे पहलेलेखक: शशांक शुक्ला
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आमतौर पर दोस्ती के रिश्ते को प्यार और भरोसे रिश्ता माना जाता है। हालांकि, यह रिश्ता भी मानवीय भावनाओं से अछूता नहीं है। क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपका कोई करीबी दोस्त आपसे जलता है?
आपने ध्यान दिया होगा आपका दोस्त आपकी छोटी-छोटी खुशियों में भी दुखी हो जाता है। या आपके सपनों को सुनकर अनदेखा कर देता है। यह समझना भले ही मुश्किल है कि दोस्ती में ईर्ष्या क्यों होती है, लेकिन ये एक हकीकत है।
हम सब इंसान हैं और कभी-कभी दूसरों की सफलता देखकर मन में थोड़ी-सी ईर्ष्या आ ही जाती है। हालांकि, जब ये ईर्ष्या दोस्ती में दरार डालने लगे, तो इसे समझना और सुलझाना जरूरी हो जाता है।
ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि-
- दोस्ती में ईर्ष्या क्यों होती है?
- इसके संकेत क्या हो सकते हैं?
- इससे बचा कैसे जाए?

क्या आपका दोस्त आपसे ईर्ष्या रखता है?
अच्छी और टिकाऊ दोस्ती में खुलकर बातचीत और भाईचारे की भावना होती है, जैसे आप दोनों जीवन में एक ही टीम में हों। हालांकि, सबसे अच्छी दोस्ती में भी कभी-कभी ईर्ष्या की भावना पैदा हो सकती है।
अगर आपको लगता है कि आपका दोस्त आपसे जलता है, तो संभावना है कि आपने इसे नजरअंदाज कर दिया होगा।
हालांकि, कुछ तरीको से आप इस बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही यह भी जान सकते हैं कि स्थिति को कैसे संभालें, जिससे आपकी दोस्ती खराब हो न हो। आइए इसे ग्राफिक्स के जरिए समझते हैं।

आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं।
जब आपके साथ कुछ अच्छा हो, तो आपसे दूर रहना: जब आपकी जिंदगी में कोई खुशी का मौका आए, तो आपका दोस्त शामिल होने से कतराता है या बेमन से शामिल होता है। वह आपकी सफलता में खुलकर खुशी नहीं दिखाता है।
आप अच्छा कर रहे हों, तो ध्यान भटकाने की कोशिश करना: जब आप किसी काम में सफल हो रहे हों, तो आपका दोस्त आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। वह आपकी सफलता को कम आंकने की कोशिश करता है।
कभी बहुत ज्यादा बात करना, कभी बिल्कुल कम: आपके दोस्त के बातचीत के तरीके में अचानक बदलाव आ जाता है। जैसे वह कभी बहुत ज्यादा बात करता है, तो कभी बिल्कुल भी नहीं। उसकी बातचीत में स्थिरता नहीं होती है।
दूसरे लोगों से दूर करने की कोशिश करना: आपका दोस्त आपको दूसरे लोगों से दूर करने की कोशिश करता है, ताकि आप सिर्फ उसी पर निर्भर रहें। वह आपको अकेला करना चाहता है।
हमेशा आपकी नकारात्मक बातों पर ध्यान देना: आपकी हर बात में कमियां निकालता है या हमेशा नकारात्मक पहलू को ही देखता है। वह आपकी सकारात्मक बातों को अनदेखा करता है।
किन कारणों से दोस्ती में ईर्ष्या हो सकती है?
जीवन में ईर्ष्या या ईर्ष्या का अनुभव न करना लगभग असंभव है। यह एक मानवीय भावना है। किसी न किसी मोड़ पर हम सब इसे महसूस करते हैं।
जब हम किसी और के पास मौजूद किसी चीज की लालसा करते हैं, जो हमारे पास नहीं है, तब यह बढ़ सकती है। कई लोग अपने दोस्त के दूसरे दोस्तों से जलते हैं। आइए इन कारणों को ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

आइए ग्राफिक्स को विस्तार से समझते हैं।
ईर्ष्यालु दोस्त से क्या नुकसान हो सकते हैं?
एक ईर्ष्यालु दोस्त अपनी नकारात्मकता को अपने तक ही सीमित नहीं रखता है। जब आप जानते हैं कि कोई आपकी सफलताओं से नाराज महसूस कर रहा है, तो यह अंततः आपको अपने साथ होने वाली सभी अच्छी चीजों के बारे में बुरा महसूस करा सकता है।
यहां तक कि आप खुद पर संदेह कर सकते हैं।

दोस्ती में कैसे करें ईर्ष्या का समाधान?
अगर आपको यकीन है कि आपके दोस्त को ईर्ष्या होती है और आप दोस्ती जारी रखना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठा सकते हैं।
दोस्ती को बचाने की इच्छा का मूल्यांकन करें
यह महत्वपूर्ण है कि आप पहले तय करें कि क्या आप इस दोस्ती को बचाना चाहते हैं। कभी-कभी रिश्ते टॉक्सिक हो सकते हैं और इनको जारी रखना मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए सही नहीं होता है।
यदि यह दोस्ती आपके लिए महत्वपूर्ण है तो इसके सुधार के लिए कदम उठाना आवश्यक है, लेकिन यदि यह नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, तो इसे छोड़ने पर विचार करें।
स्पष्ट बातचीत करें
ईर्ष्या की स्थिति में सबसे पहले, आपको यह पहचानना होगा कि आपके दोस्त का व्यवहार कैसा है। इसके बाद, अपनी भावनाओं को इस तरह व्यक्त करें कि आपके दोस्त को यह महसूस न हो कि आप उन पर आरोप लगा रहे हैं।
जैसे, “जब तुम मुझे नजरअंदाज करते हो, तो मुझे बुरा लगता है,” आपको अपनी भावनाएं बिना किसी आक्रामकता के व्यक्त करनी चाहिए। इससे बातचीत की शुरुआत होती है और स्थिति सुधारने का अवसर मिलता है।
दयालुता से समस्या का समाधान करें
जब आप अपनी भावनाओं को साझा करें, तो यह जरूरी है कि आप भड़काऊ तरीके से बात न करें। कभी भी अपने दोस्त को यह न कहें कि वह गलत है या कि वह बुरा कर रहा है।
दयालुता और सहानुभूति के साथ बात करना दोस्ती को मजबूत बना सकता है और ईर्ष्या के कारणों को स्पष्ट करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार के संवाद से आपके दोस्त को भी आपकी स्थिति समझने का मौका मिलता है।
सीमाएं तय करें
दोस्ती में अपनी सीमाओं को निर्धारित करना बेहद जरूरी है। आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप किस प्रकार की मित्रता चाहते हैं।
अगर आपका दोस्त बार-बार ईर्ष्या का प्रदर्शन करता है, तो आपको यह स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि आप किस तरह से महसूस करते हैं और आप क्या उम्मीद करते हैं। यह दोस्ती में स्वस्थ और सम्मानजनक वातावरण बनाने में मदद करता है।
दोस्ती को खत्म करने पर विचार करें
यदि आपने अपनी पूरी कोशिश की है और फिर भी आपका दोस्त ईर्ष्या का रवैया अपनाए हुए है, तो हो सकता है कि आपको दोस्ती को समाप्त करने का निर्णय लेना पड़े।
किसी रिश्ते को खत्म करना कठिन हो सकता है, लेकिन अगर वह दोस्ती आपकी खुशियों में रुकावट डाल रही है और किसी बदलाव के संकेत नहीं दिखा रही, तो आपको यह समझना होगा कि आपकी मानसिक शांति सबसे महत्वपूर्ण है।