नई दिल्ली8 घंटे पहले
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सज्जन कुमार को 12 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। इसी दिन वे दोषी ठहराए गए थे। (फाइल)
दिल्ली में 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीड़ित पक्ष ने सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की मांग की है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 फरवरी को सज्जन कुमार को दोषी ठहराया था। उन पर 1984 में दंगों के दौरान सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उसके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या का दोषी पाया। वह पहले से ही दिल्ली कैंट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जज कावेरी बावेजा ने शुक्रवार को बचाव पक्ष को 2 दिन में लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हम 25 फरवरी दोपहर 2 बजे के बाद सज्जन कुमार की सजा पर फैसला लेंगे।
वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए ऑनलाइन पेश हुए और अपनी लिखित दलीलें पेश कीं और मृत्युदंड की मांग की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अनिल कुमार शर्मा भी ऑनलाइन पेश हुए।

सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा, हत्या और डकैती के आरोप में IPC की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया था।
3 केस… 1 में बरी, 2 में दोषी
1. दिल्ली कैंट की पालम कॉलोनी में 5 सिखों की हत्या के बाद गुरुद्वारा जला दिया गया था। इसी केस में सज्जन कुमार को दोषी पाया गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर, 2018 को सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
2. सितंबर, 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 सिखों की हत्या मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। दंगे में CBI की एक अहम गवाह चाम कौर ने आरोप लगाया था कि सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे।
3. 1 नवंबर, 1984 को सरस्वती विहार में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या हुई थी। दंगाइयों ने लोहे की सरियों और लाठियों से हमला किया था। इसके बाद दोनों सिखों को जिंदा जला दिया। 12 फरवरी, 2025 को दोषी ठहराए गए।

1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख बहुल इलाकों में दंगे हुए थे। इसमें हजारों लोग मारे गए थे।
दिल्ली सरकार बरी आरोपियों के खिलाफ अपील करेगी सिख दंगों की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ दिल्ली में 587 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें 2733 लोग मारे गए थे। कुल मामलों में से करीब 240 मामले बंद हो गए जबकि 250 मामलों में आरोपी बरी हो गए थे। दिल्ली सरकार ने 17 फरवरी, 2025 को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सिख दंगों के 6 मामलों में बरी आरोपियों के खिलाफ याचिका दायर करेगी।
1984 सिख विरोधी दंगा: कब-क्या हुआ…
- 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी।
- अगले दिन यानी 1 नवंबर को दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे।
- PTI के मुताबिक, तब सिर्फ दिल्ली में ही करीब 2700 लोग मारे गए थे। देशभर में मरने वालों का आंकड़ा 3500 के करीब था।
- मई, 2000 में दंगे की जांच के लिए जीटी नानावती कमीशन का गठन हुआ।
- 24 अक्टूबर, 2005 को CBI ने नानावती कमीशन की सिफारिश पर केस दर्ज किया।
- 1 फरवरी, 2010 को ट्रायल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, बलवान खोकर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, किशन खोकर, महा सिंह और संतोष रानी को समन जारी किया।
- 30 अप्रैल, 2013 को कोर्ट ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया।
- इसके खिलाफ CBI ने 19 जुलाई, 2013 को हाईकोर्ट में अपील की। 22 जुलाई, 2013 को हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को नोटिस जारी किया।
- 17 दिसंबर, 2018 को हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच सिखों की हत्या की हत्या के मामले में दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई।
- दंगों के 21 साल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था- जो कुछ भी हुआ, उससे उनका सिर शर्म से झुक जाता है।

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