13 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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एक इंसान के शरीर में तकरीबन 38 खरब बैक्टीरिया होते हैं, जिसमें से 50 से 100 अरब बैक्टीरिया तो सिर्फ मुंह में ही होते हैं। ये बैक्टीरिया हमारी सेहत को सीधे प्रभावित करते हैं। ऑक्सफोर्ड एकेडमिक्स के हेल्थ जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, मुंह के इन बैक्टीरिया का ब्रेन हेल्थ से सीधा कनेक्शन है।
स्टडी में पता चला है कि कुछ खास तरह के बैक्टीरिया डिमेंशिया यानी मेमोरी लॉस का कारण बन सकते हैं। इनके कारण अल्जाइमर्स हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में 5.5 करोड़ लोगों को डिमेंशिया है। अनुमान है कि साल 2050 तक ये मामले बढ़कर 14 करोड़ हो सकते हैं।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे, डिमेंशिया के बहाने ओरल हेल्थ यानी मुंह के स्वास्थ्य की और जानेंगे कि–
- मुंह में मौजूद बैक्टीरिया ब्रेन के अलावा शरीर के किन हिस्सों की सेहत को प्रभावित करते हैं?
- मुंह के स्वास्थ्य का ध्यान रखना क्यों क्रिटिकल है?
- हमारी कौन सी गलतियां ओरल हेल्थ खराब कर सकती हैं?
- इससे बचाव के तरीके क्या हैं?
ओरल हेल्थ से प्रभावित होती पेट की सेहत
भोजन का पाचन हमारे मुंह से ही शुरू हो जाता है। मुंह की लार भोजन को नरम बनाकर निगलने में मदद करती है और इसमें मौजूद एंजाइम कार्ब्स पचाने में भी मदद करते हैं। अगर मुंह में खराब बैक्टीरिया होंगे तो ये भोजन के साथ मिलकर लिवर तक पहुंच सकते हैं और इससे एसिड रिफ्लक्स जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।

ओरल हेल्थ का ब्रेन से सीधा कनेक्शन
मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. निशांत गुप्ता कहते हैं कि मसूड़े या दांत से जुड़ी समस्या होने पर हमारी ब्लड स्ट्रीम एक्सपोज हो जाती है। इससे हमारे मुंह में रहने वाले बैक्टीरिया ब्लड में प्रवेश कर जाते हैं। ये ब्लड के जरिए ब्रेन में पहुंचते हैं और इसकी फंक्शनिंग प्रभावित करते हैं। इसलिए ओरल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

ओरल हेल्थ खराब होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
ओरल हेल्थ खराब होने पर आमतौर पर मसूड़ों में सूजन हो जाती है और दर्द होता है। अगर ज्यादा समय तक यह समस्या बनी रहे तो दांतों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं और दांत हिलकर टूटने लगते हैं। इसके और क्या लक्षण हैं, ग्राफिक में देखिए-

मुंह के स्वास्थ्य का ध्यान रखना क्यों क्रिटिकल है?
अच्छी ओरल हेल्थ हमारी सेविंग्स और अच्छे इन्वेस्टमेंट की तरह है, जो बुढ़ापे में सबसे ज्यादा काम आती है। अगर मुंह के स्वास्थ्य को लेकर जरूरी सावधानियां बरती जाएं तो हम भविष्य में मुंह की कई बीमारियों से बच सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 350 करोड़ लोग मुंह की बीमारियों से ग्रस्त हैं। इनमें से ज्यादातर लोग मध्यम या निम्न मध्यम परिवार के हैं और मुंह की बीमारियों का इलाज बहुत महंगा है। इसलिए मुंह की केयर करना बहुत जरूरी है।
मुंह की सेहत का ख्याल रखने से इन बीमारियों से बच सकते हैं-
- दांतों में होने वाली कैविटीज
- दांतों और मसूड़ों में सड़न
- सांसों की दुर्गंध
- जिंजवाइटिस (Gingivitis) यानी मसूड़ों में सूजन
- पेरीडोंटाइटिस (Periodontitis) यानी मसूड़ों का गंभीर संक्रमण
मुंह का स्वास्थ्य खराब होने से बिगड़ सकती है दिल की सेहत
ओरल हेल्थ सिर्फ मुंह में होने वाली बीमारियों तक सीमित नहीं है। इसका कनेक्शन पूरे शरीर से है। अगर मुंह में कोई संक्रमण हुआ है तो भोजन के साथ मुंह में मौजूद बैक्टीरिया पूरे शरीर में फैल सकते हैं और पूरे शरीर को संक्रमित कर सकते हैं। इसके कारण इन गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है-
- स्ट्रोक
- कार्डियोवस्कुलर डिजीज
- एंडोकारडाइटिस (हार्ट की इनर लाइनिंग में इन्फेक्शन)
- निमोनिया
- प्रीमैच्योर बर्थ या जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना
किन कारणों से खराब होती है ओरल हेल्थ?
हमारे भोजन और लाइफस्टाइल का मुंह की सेहत पर सीधा असर पड़ता है। ज्यादा मीठा खाने, बहुत नमक और फास्ट फूड खाने से, थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहने से, ब्रश न करने से और बहुत अधिक सिगरेट-तंबाकू के सेवन से हमारी ओरल हेल्थ खराब होती है। इसके अलावा शरीर हाइड्रेट नहीं रहने पर भी मुंह का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए भोजन और लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए, ग्राफिक में देखिए-

हेल्दी डाइट से सुधर सकती है ओरल हेल्थ
एक कहावत है कि ‘हम वही होते हैं, जो हम खाते हैं।’ ये सच भी है। हमारे शरीर में रहने वाले अरबों बैक्टीरिया हेल्थ को सीधे प्रभावित करते हैं। अच्छे बैक्टीरिया फल, सब्जियां और दही जैसी चीजें खाना पसंद करते हैं, जबकि बुरे बैक्टीरिया फास्ट फूड, चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स वगैरह खाते-पीते हैं।
यही कारण है कि हमारी सेहत पर सबसे ज्यादा असर हमारे खान-पान का पड़ता है। इसलिए ऐसा खाना खाएं, जिससे ये हेल्दी बैक्टीरिया सुरक्षित बने रहें।

मुंह के स्वास्थ्य से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: ब्रश करने का सही तरीका और समय क्या है? जवाब: दिन में कम-से-कम दो बार फ्लोराइड बेस्ड टूथपेस्ट से दांतों को ब्रश करना चाहिए। सुबह के ब्रश से ज्यादा जरूरी रात में सोने से पहले ब्रश करना होता है। रात में ब्रश करने के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए।
ब्रश करने का सही तरीका ये है कि कम-से-कम चार मिनट तक ब्रश को ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर, दाएं से बाएं और बाएं से दाएं घुमाना चाहिए।
सवाल: फ्लॉसिंग करने के फायदे और नुकसान क्या हैं? जवाब: फ्लॉसिंग के फायदे-
- फ्लॉसिंग करने से दांतों के बीच में फंसे खाने के कण और प्लाक (दांतों पर बैक्टीरिया की चिपचिपी परत) हट जाते हैं, जिससे कैविटी का जोखिम कम हो जाता है।
- नियमित फ्लॉसिंग करने से जिंजवाइटिस और पेरियोडोंटाइटिस जैसी मसूड़ों की बीमारियों का जोखिम कम होता है।
- फ्लॉसिंग करने से भोजन और सांस से मुंह में आए खराब बैक्टीरिया हट जाते हैं और मुंह की दुर्गंध कम हो जाती है।
- स्वस्थ दांत और मसूड़े भोजन को सही तरीके से चबाने में मदद करते हैं, जिससे डाइजेस्टिव हेल्थ भी सही रहती है।
फ्लॉसिंग के नुकसान-
- बहुत ज्यादा जोर से फ्लॉस करने से मसूड़ों से खून आ सकता है और सूजन हो सकती है।
- दिन में ज्यादा बार फ्लॉस करने से दांतों की सुरक्षात्मक लेयर इनेमल कमजोर हो सकती है।
- गंदे हाथ या गंदे फ्लॉस का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया मुंह में जा सकते हैं।
- बहुत ज्यादा जोर से फ्लॉस करने से मसूड़ों से खून आ सकता है और सूजन हो सकती है।
- दिन में ज्यादा बार फ्लॉस करने से दांतों की सुरक्षात्मक लेयर इनेमल कमजोर हो सकती है।
- गंदे हाथ या गंदे फ्लॉस का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया मुंह में जा सकते हैं।
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