सेहतनामा- क्या पाकिस्तान से भारत में फैल सकता है पोलियो:  क्या वैक्सिनेशन के बाद भी हो सकता है, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब
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सेहतनामा- क्या पाकिस्तान से भारत में फैल सकता है पोलियो: क्या वैक्सिनेशन के बाद भी हो सकता है, डॉक्टर से जानें हर सवाल का जवाब

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12 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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मौजूदा समय में दुनिया के सिर्फ दो देश पोलियो से प्रभावित हैं– पाकिस्तान और अफगानिस्तान। दुनिया के लगभग 85% पोलियो के मामले सिर्फ पाकिस्तान में हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुतबिक, हालिया जांच में पाकिस्तान के 21 जिलों में पोलियो के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। पाकिस्तान में पोलियो के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और सीडीसी जैसी कई बड़ी संस्थाओं ने मदद का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान में पोलियो के वैक्सिनेशन के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। समस्या ये है कि स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। एक बंदूकधारी ने वैक्सिनेशन टीम पर गोलियां बरसा दीं। इसमें टीम की सुरक्षा कर रहे एक जवान की मौत हो गई।

पाकिस्तान में बढ़ रहे पोलियो केस से भारत के लोग चिंतित हैं। साल 2011 में पोलियो मुक्त चीन में अचानक पोलियो के मामले बढ़ने लगे थे। जांच में पता चला था कि ये मामले पाकिस्तान से चीन गए लोगों के कारण फैले थे। भारत-पाकिस्तान के लोग सीमा पार आते-जाते हैं। इसलिए भारत के लोग डर रहे हैं।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज पोलियो की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • यह कितना खतरनाक वायरस है?
  • क्या भारत में फिर पोलियो फैल सकता है?
  • इसके लक्षण और इलाज क्या है?

पोलियो क्या है?

पोलियो एक गंभीर और कई बार जानलेवा बीमारी है, जो पोलियोवायरस के कारण होती है। बीते कुछ सालों में दुनिया के ज्यादातर देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान को पोलियो मुक्त बनाने के लिए वैक्सिनेशन अभियान चल रहे हैं।

पोलियो के लक्षण ज्यादातर लोगों में बहुत हल्के दिखते हैं या फिर दिखते ही नहीं हैं। कुछ मामलों में संक्रमण गंभीर हो सकता है। इन मामलों में पैरालिसिस यानी लकवा हो सकता है या मृत्यु तक हो सकती है।

पोलियो के लक्षण

पोलियो से संक्रमित 95% लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखता है। मुश्किल ये है कि संक्रमित व्यक्ति बिना लक्षणों के भी पोलियो वायरस फैला सकता है। जिन लोगों में लक्षण दिखते हैं, ये मुख्य रूप से दो तरह के हो सकते हैं।

नॉन-पैरालिटिक पोलियो के लक्षण एक से 10 दिनों तक रह सकते हैं। इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इसमें आमतौर पर गले में खराश और बुखार होता है।

पैरालिटिक पोलियो के बहुत कम मामले सामने आते हैं। पोलियो के लगभग 1% मामलों में ही पैरालिटिक पोलियो विकसित होता है। इससे रीढ़ की हड्डी, ब्रेनस्टेम या दोनों में लकवा हो सकता है। दोनों तरह के पोलियो के लक्षण ग्राफिक में देखिए-

किन लोगों को पोलियो का ज्यादा खतरा है?

पोलियो का सबसे ज्यादा जोखिम 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। अगर किसी वयस्क को बचपन में पोलियो वैक्सीन की सभी खुराक नहीं मिली हैं तो उसे भी इसका जोखिम हो सकता है। ग्राफिक में देखिए-

क्या वैक्सीन के बाद हम पूरी तरह सुरक्षित हैं?

आमतौर पर वैक्सिनेशन के बाद पोलियो का जोखिम न के बराबर होता है। इसके बावजूद कुछ बहुत रेयर मामलों में वैक्सिनेशन के बाद भी पोलियो हो सकता है। इस बारे में डॉ. संचयन रॉय बता रहे हैं-

पोलियो से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब

सवाल: पोलियो कैसे फैलता है?

जवाब: पोलियो संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैल सकता है। अगर भोजन या पानी में इसका वायरस मौजूद है, तो उसके संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।

इन सभी कारणों से फैल सकता है पोलियो-

  • वायरस से संक्रमित पानी पीने से।
  • वायरस से संक्रमित भोजन खाने से।
  • दूषित पानी में स्विमिंग करने से।
  • संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से।
  • पोलियो संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क से।
  • दूषित सतहों को छूने से।
  • मल को छूने के बाद अपने हाथ न धोने से।
  • बच्चों के डायपर बदलने के बाद हाथ न धोने से।

सवाल: अगर किसी को पोलियो हो गया है तो क्या इसका इलाज संभव है?

जवाब: पोलियो के इलाज के लिए कोई दवा विकसित नहीं हुई है। इसके संक्रमण से पैदा हुए लक्षणों के रहते जीवन को आसान बनाने के लिए कुछ दवाएं ली जा सकती हैं। मसल्स के आराम के लिए कोई फिजिकल थेरेपी ले सकते हैं।

सवाल: पोलियो से बचाव के लिए क्या करें?

जवाब: पोलियो से बचाव का सबसे अच्छा और भरोसेमंद तरीका वैक्सिनेशन है। इसकी खुराक आमतौर पर बचपन में दी जाती है। अगर किसी को बचपन में टीका नहीं लगा है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

इसके अलावा उन सभी चीजों से बचें, जिनके कारण पोलियो हो सकता है।

सवाल: क्या वयस्कों को पोलियो हो सकता है?

जवाब: हां, वयस्कों को भी पोलियो हो सकता है। कई वयस्कों में पोलियो के लिए इम्यूनिटी नहीं डेवलप होती है। आमतौर पर उन वयस्कों को पोलियो का जोखिम ज्यादा है, जिन्हें बचपन में वैक्सीन की सभी खुराक नहीं मिली हैं।

सवाल: क्या पोलियो से मौत भी हो सकती है?

सवाल: हां, बहुत रेयर मामलों में ऐसा हो सकता है। पोलियो के 1% से भी कम मामलों में पैरालिसिस होता है। पैरालिसिस के इन मामलों में 5-10% केस ऐसे होते हैं, जिनमें वायरस उन मांसपेशियों पर हमला करता है, जो सांस लेने के लिए जरूरी हैं। ऐसे मामलों में मौत हो सकती है।

सवाल: पाकिस्तान में पोलियो केस बढ़ने से भारत में डर क्यों है?

जवाब: यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और दुनिया के कई देशों में कोविड के दौर में पेरेंट्स ने कोविड वायरस के डर से बच्चों को पोलियो और कई जरूरी वैक्सीन की सभी खुराक नहीं दिलाई हैं। अब डर है कि उन बच्चों में पोलियो वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होगी। ऐसे में पोलियो वायरस के संपर्क में आने से उन्हें संक्रमण हो सकता है। हालांकि, इसकी आशंका बेहद कम है।

सवाल: बच्चों को पोलियो वैक्सीन की खुराक कब दिलवानी होती है?

जवाब: भारत में पोलियो को लेकर टीका अभियान का मैकेनिज्म बहुत मजबूत है। पोलियो की टीम घर-घर जाकर बच्चों को इसकी खुराक देती है। इसके बावजूद बतौर पेरेंट्स हमें ध्यान रखना चाहिए-

  • पहला शॉट- 2 महीने की उम्र में।
  • दूसरा शॉट- 4 महीने की उम्र में।
  • तीसरा शॉट- 6 से 18 महीने की उम्र के बीच।
  • बूस्टर शॉट- 4 से 6 साल की उम्र के बीच।

अगर कोई वयस्क है और उसे कभी पोलियो वैक्सीन की खुराक नहीं मिली है तो उसे इसकी तीन खुराक दी जाती हैं:

  • शुरुआती दो खुराक एक से दो महीने के अंतराल पर।
  • तीसरी खुराक, उसके 6 से 12 महीने के बाद।

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