1 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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महाराष्ट्र के 6 जिलों के कई पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के केस सामने आए हैं। इसे फैलने से रोकने के लिए 1 जनवरी से अब तक 7,200 मुर्गियों को मारा गया है और 2,230 अंडे नष्ट किए गए हैं। हालांकि, एनिमल हसबेंडरी विभाग ने इसके बदले फार्म के मालिकों को मुआवजा दिया है।
चिंता का विषय ये है कि बर्ड फ्लू के मामले सिर्फ पोल्ट्री फार्म तक सीमित नहीं हैं। इन इलाकों के बाघ, तेंदुए, गिद्ध और कौवे भी संक्रमित हो गए हैं। इसके कारण 693 पक्षियों और जानवरों की मौत भी हो चुकी है। इन पोल्ट्री फार्म के आसपास रह रहे लोगों में भी इसका संक्रमण फैलने की आशंका है।
आंध्र प्रदेश में भी तेजी से बर्ड फ्लू का संक्रमण फैल रहा है। यहां संक्रमण रोकने के लिए 1.50 लाख मुर्गियों को मारा गया है।
आमतौर पर यह वायरस पक्षियों या जानवरों में फैलता है। हालांकि, बीते कुछ सालों में इंसानों में भी इसके कई केस सामने आए हैं। बर्ड फ्लू के कारण मृत्यु दर लगभग 50% है। यही कारण है कि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के इन मामलों से लोग डर रहे हैं।
इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज बर्ड फ्लू की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- बर्ड फ्लू के क्या लक्षण हैं?
- यह बीमारी इतनी खतरनाक क्यों है?
- इससे बचाव के उपाय क्या हैं?
बर्ड फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाली बीमारी है। आमतौर पर यह बीमारी पक्षियों और जानवरों को होती है। हालांकि, कई बार संक्रमित जानवरों के जरिए यह इंसानों में भी फैल सकती है। अभी तक बर्ड फ्लू के इंसानों से इंसानों में फैलने के मामले सामने नहीं आए हैं। जनरल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. त्रेहन प्रशांत बता रहे हैं-

बर्ड फ्लू के लक्षण क्या हैं?
इन्फ्लूएंजा वायरस सबसे पहले रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभवित करता है। इसलिए गले में खराश और खांसी हो सकती है। इसके बाद सिरदर्द और बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए-

बर्ड फ्लू कैसे फैलता है
बर्ड फ्लू पक्षियों से इंसानों में इन्फ्लूएंजा वायरस के जरिए फैलता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि बर्ड फ्लू पक्षियों को सीधे छूने से ही फैलेगा। असल में इन्फ्लूएंजा वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है। संक्रमित पक्षी के मल और लार के जरिए यह वायरस 10 दिनों तक फैल सकता है। संक्रमित सतह को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है। संक्रमित मुर्गी या अंडे खाने से भी इसका संक्रमण हो सकता है।
संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा किसे है?
बर्ड फ्लू के संक्रमण का सबसे ज्यादा जोखिम उन लोगों को है, जो पोल्ट्री फार्म या किसी पक्षी विहार में काम करते हैं। इसके अलावा उन सभी लोगों को खतरा है, जो संक्रमित व्यक्ति के आसपास हैं या उसकी देखभाल कर रहे हैं। ग्राफिक में देखिए-

बर्ड फ्लू का इलाज क्या है?
बर्ड फ्लू के इलाज में कुछ एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं। इसमें जितनी जल्दी डाइग्नोसिस हो जाता है और इलाज शुरू हो जाता है, उतनी जल्दी रिकवरी होती है। अगर संक्रमित व्यक्ति को सांस से जुड़ी समस्या हो रही है तो रेस्पिरेटरी सपोर्ट दिया जा सकता है। इसके इलाज में जितनी देर होती है, पेशेंट को बचाना मुश्किल होता है।
बर्ड फ्लू से बचने के लिए क्या करें?
अगर अपना कोई पोल्ट्री फार्म है तो मुर्गियों का टीकाकरण करवाएं। इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए जानवरों और पक्षियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
इसके अलावा अपने बचाव के लिए डॉ. त्रेहन प्रशांत के बताए ये टिप्स फॉलो करें-

बर्ड फ्लू से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल: क्या बर्ड फ्लू संक्रामक है?
जवाब: नहीं, बर्ड फ्लू संक्रामक नहीं है। यह इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता है। इसका वायरस पक्षियों के जरिए इंसानों में फैलता है। इसके बावजूद अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि वायरस कभी भी म्यूटेट हो सकता है और संक्रामक हो सकता है।
सवाल: क्या बर्ड फ्लू पेनडेमिक बन सकता है?
जवाब: बर्ड फ्लू के अभी तक के रिकॉर्ड्स देखें तो इसके पेनडेमिक बनने की आशंका बहुत कम है। अगर इन्फ्लूएंजा वायरस का कभी कोई ऐसा म्यूटेंट आता है, जो इंसानों से इंसानों में फैल सकता है तो यह बीमारी महामारी बन सकती है। बर्ड फ्लू से आई महामारी भयानक तबाही मचा सकती है क्योंकि इसकी मृत्युदर लगभग 50% है।
सवाल: बर्ड फ्लू से क्या कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?
जवाब: बर्ड फ्लू के ज्यादातर मामलों में सांस से जुड़े कॉम्प्लिकेशन होते हैं। इसके कारण ये समस्याएं हो सकती हैं-
- निमोनिया यानी फेफड़ों में संक्रमण
- सांस लेने में गंभीर समस्या
- बैक्टीरियल संक्रमण
- सेप्सिस यानी ब्लड पॉइजनिंग
- मेनिन्जोएंसेफेलाइटिस यानी दिमाग में सूजन
- रेस्पिरेटरी फेलियर यानी सांस लेने में असमर्थता
इन सभी कॉम्प्लिकेशन में समय पर इलाज नहीं मिलने पर पेशेंट की मौत हो सकती है।
सवाल: बर्ड फ्लू कैसे डाइग्नोस किया जाता है?
जवाब: अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो वह गले या नाक से स्वैब सैंपल ले सकता है। ये सैंपल ठीक वैसे ही लिए जाते हैं, जैसे कोरोना वायरस की जांच के लिए कलेक्ट किए गए थे। कंजंक्टिवा यानी आंख की झिल्ली से स्वैब सैंपल लेकर भी बर्ड फ्लू का पता लगाया जा सकता है।
सवाल: अगर बर्ड फ्लू फैल रहा है तो क्या चिकन और अंडा खाना सुरक्षित है?
जवाब: अगर संक्रमण फैल रहा है तो भोजन में चिकन और अंडा अवॉइड करें। यह सच है कि अगर चिकन या अंडा 70°C से ज्यादा टेम्प्रेचर पर 30 मिनट तक पकाया जाए तो इसका वायरस नष्ट हो जाता है। इसके बावजूद इसको पकाने से पहले ही, सिर्फ छूने से संक्रमण फैल सकता है। इसलिए कुछ दिन तक चिकन और अंडा न खाने में समझदारी है।
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