board result exams 2025: parents student should know during exams how to mentally strong students here is tips
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board result exams 2025: parents student should know during exams how to mentally strong students here is tips

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बोर्ड की परीक्षा से पहले पहले छात्रों में तनाव होना नॉमल सी बात है, माता-पिता भी इसी कोशिश में लगे रहते हैं कि कैसे भी करके बच्चों के अच्छे नंबर आएं और इसी चक्कर में वे कई बार जाने-अनजाने में दबाव बनाने लगते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे बोर्ड परीक्षा और रिजल्ट के प्रेशर को खत्म किया जा सकता है।

देशभर में सीबीएसई सहित राज्य बोर्ड की ओर से परीक्षाएं चल रही हैं और कई राज्यों में बोर्ड परिणाम आने वाला हैं। इन बोर्ड परीक्षाओं में करोड़ों छात्र भाग ले रहे हैं। अगर आपका बच्चा भी बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहा है तो कुछ बातों को अवश्य ध्यान रखें। किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए एक विद्यार्थी के साथ उसके शिक्षक और उसके परिवार का साथ बेहद आवश्यक है, लेकिन इन सभी में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका माता-पिता की होती है।

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए अकेला छोड़ देते हैं लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। 24 घंटे में कम से कम 2 से 4 घंटे अपने बच्चों को अवश्य दें और उनकी बातें सुनें। अगर इस दौरान उनको किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है तो उसे दूर करने का प्रयास करें। किसी भी अभिभावक को अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए।

इससे आपके बच्चे का मनोबल गिरता है और उसके मन में हीन भावना जन्म लेने लगती है जो उसके भविष्य के लिए घातक साबित होगी।
परीक्षा के दौरान माता-पिता अपने बच्चों के खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखें जिससे वे इस दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उन्हें व्यायाम या अन्य चीजें खेलने के लिए प्रेरित करें।

बोर्ड एग्जाम और रिजल्ट को लेकर बच्चों में एक अलग डर का माहौल परीक्षा शुरू होने से पहले से बनने लगता है। हालांकि इसे दूर करने के लिए सरकार की ओर भरसक प्रयास किए जाते हैं।

छात्रों के तनाव को दूर करने के लिए PM आए थे छात्रों के बीच

बोर्ड एग्जाम वास्तव में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए तनावपूर्ण अवधि होती हैं। इसी तनाव को दूर करने के लिए हाल ही में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का आठवां संस्करण आयोजित हुआ था जिसमें पीएम मोदी ने छात्रों, शिक्षकों और परिजनों को संबोधित किया था। उस कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने सुंदर नर्सरी में छात्रों के एक ग्रुप से बातचीत की थी। उस बातचीत में छात्रों ने पीएम से सवाल भी किए थे और पीएम ने उनके सवालों का जवाब भी दिया था।

PPC में पीएम ने कही थी यह बात

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था, “यदि कोई छात्र स्कूल में एक निश्चित अंक प्राप्त नहीं करता है, तो वह अपनी कक्षा 10वीं या कक्षा 12वीं की परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो उसे ऐसा लगता है जैसे उसका पूरा जीवन दांव पर लगा है।”

न्यूट्रीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट शोनाली सबरवाल, रुजुता दिवेकर और रेवंत हिमतसिंगका के अनुसार, अच्छा खाना खाने के साथ-साथ आपके लिए नींद बहुत जरूरी है। नींद को मारकर पढ़ाई तो बिल्कुल ना करें। घर का बना खाना सबसे अच्छा है और ब्राउन राइस और बाजरा को डाइट में शामिल करें. यह संतुलित आहार होता है जिससे स्वास्थ्य भी सही रहता है।

शोनाली ने छात्रों से फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए कहा जो अच्छे सूक्ष्मजीवों के विकास को बढ़ाता है जिससे पेट का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। उन्होंने छात्रों को अपने दिन की शुरुआत साबुत अनाज से करने का सुझाव दिया, जो दिन के बीच में भूख को कम करता है, उसके बाद फल या मेवे खाने चाहिए।

उन्होंने छात्रों को ऐसा खाना खाने से बचने की सलाह दी थी जो तनाव का कारण बने। उन्होंने कहा था कि एग्जाम के दौरान छात्रों को ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जैसे मूंगफली, केला और चावल अच्छे हैं। दिवेकर ने कहा था कि एनर्जी ड्रिंक तनाव के स्तर को बढ़ाते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए। पैक किए गए भोजन से बचें क्योंकि आप जितना ज़्यादा पैक किया हुआ खाना खाएंगे, दिन भर में उतनी ही ज़्यादा चीनी की मात्रा आपके शरीर में होगी। उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य और कब्ज से बचने के लिए हाइड्रेशन, केला और खेलना ज़रूरी है।

दीपिका ने बताए स्ट्रेस फ्री रहने के टिप्स

बॉलीवुड एक्टर दीपिका पादुकोण के अनुसार, छात्रों के साथ डिप्रेशन से जूझने के अपने अनुभव को शेयर किया था और स्ट्रेस फ्री रहने के टिप्स बताए थे। दीपिका ने कहा था, “मुझे लगता है कि प्रतिस्पर्धा और तुलना जीवन का एक हिस्सा है। प्रतिस्पर्धा कोई बुरी चीज नहीं है, लेकिन अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानना अपनी ताकत पर अधिक ध्यान केंद्रित करना और अपनी कमजोरियों पर काम करना शायद ऐसा करने का एकमात्र तरीका है।,” दीपिका ने आगे कहा था कि नींद बहुत महत्वपूर्ण है।

सद्गुरु के वचन

आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनुसार, ऐसी दुनिया में जहां बुद्धिमत्ता को अक्सर अकादमिक उपलब्धियों या दूसरों के साथ तुलना के आधार पर मापा जाता है वहां कभी-कभी योग्यता के वास्तविक सार को अनदेखा कर दिया जाता है। वास्तविक योग्यता ज्ञान और तकनीकी कौशल से परे होती है – यह किसी व्यक्ति की अपनी विशाल क्षमता का दोहन करने की क्षमता में निहित है।





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