Crime News: दिल्ली की एक अदालत ने एक 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ रेप के केस में बड़ा फैसला सुनाया और आरोपी को आजवीन कारावास यानी उम्रकैद की सजा की बात कही। कोर्ट ने कहा कि बच्ची उस दोषी को चाचा कहती थी और दोषी व्यक्ति ने बच्ची का भरोसा तोड़ते हुए उस वक्त बलात्कार किया, जब बच्ची अपने घर में अकेली थी।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में जज बबीता पुनिया ने दोषी को IPC की धारा 376 (2) (N) और पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई है। इस मामले में सरकारी वकील ने श्रवण कुमार बिश्नोई ने दलील दी कि दोषी किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है और कहा कि बलात्कार के कारण पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया है।
कोर्ट ने सजा के साथ दिया मुआवजे का आदेश
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता से जन्मे बच्चे को बच्चा गोद लेने वाली एक विशेष एजेंसी को दिया गया है। अदालत ने दोषी को उम्रकैद के अलावा पीड़ित को 19.5 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया। इस मामले में पीड़िता की गवाही का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि लड़की उस व्यक्ति को चाचा कहती थी, लेकिन उसने उसे अकेला पाकर एक नहीं बल्कि दो बार बच्ची का रेप किया।
कोर्ट ने कहा कि दोषी को इस बात की परवाह नहीं थी कि पीड़िता उसके पड़ोसी की बेटी थी। हमारी भारतीय संस्कृति में जब माता-पिता कहीं जाते हैं, तो वे अपने पड़ोसियों से अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए कहते हैं।
दोषी ने तोड़ा ने पीड़िता का भरोसा
कोर्ट ने कहा कि दोषी ने पीड़िता और उसके माता पिता के भरोसे को भी तोड़ा है और विश्वासघात किया, जिससे अपराध और अधिक गंभीर हो गया। कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि बच्चों से बलात्कार एक जघन्य अपराध है। बच्चे किसी भी समाज की सबसे कीमती संपत्ति होते हैं।
कोर्ट ने कहा कि समाज का यह कर्तव्य है कि वह न केवल उन्हें यौन हिंसा और शोषण से बचाएं, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करें। पॉक्सो एक्ट क्या होता है, यहां क्लिक करके पढ़ें खबर…