‘EVM और VVPAT में नहीं थी कोई गड़बड़ी’, विपक्ष के दावे पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब
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‘EVM और VVPAT में नहीं थी कोई गड़बड़ी’, विपक्ष के दावे पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब

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Election Commission: भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को ईवीएम और VVPAT को लेकर उठाए जा रहे विपक्षीय सवालों पर जवाब देते हुए कहा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान 288 विधानसभा सीटों पर 1440 वोटों का पहले जारी किए गए नतीजों से मिलान किया गया, जो कि VVPAT और EVM में पड़े थे. इस मिलान के दौरान किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. 

आयोग ने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती करना जरूरी है. चुनाव निकाय ने 23 नवंबर (परिणाम के दिन) को मतगणना पर्यवेक्षक और उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पर्चियों की गिनती की. इसके अनुसार, महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा क्षेत्रों से 1440 वीवीपीएटी इकाइयों की पर्चियों की गिनती संबंधित नियंत्रण इकाई के आंकड़ों से मिलान की गई है.

‘नियमों के मुताबिक की गई गणना’

चुनाव आयोग ने बताया कि संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों से मिली रिपोर्टों के अनुसार वीवीपैट पर्ची गणना और ईवीएम नियंत्रण इकाई गणना के बीच कोई विसंगति नहीं पाई गई है. ईसीआई ने एक बयान में कहा, “ईसीआई की ओर से निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है.” महाराष्ट्र में विपक्षी दलों की ओर से विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने के कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग का यह बयान आया है.

महाविकास अघाड़ी ने किया था विरोध 

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने बहिष्कार किया था, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियां शामिल हैं. शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे सहित इन पार्टियों के नेताओं ने हाल के चुनावों की निष्पक्षता के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. 

ठाकरे ने चुनाव आयोग पर राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान “ईवीएम के दुरुपयोग” की इजाजत देने का आरोप लगाया. महाराष्ट्र चुनावों के बाद ईवीएम की प्रामाणिकता का मुद्दा गरमा गया था, क्योंकि विधानसभा चुनाव हारने वाले विपक्षी दलों के 20 से अधिक उम्मीदवारों ने ईवीएम की विश्वसनीयता के बारे में गंभीर चिंता जताई थी. इन उम्मीदवारों ने डाले गए वोटों और घोषित परिणामों के बीच महत्वपूर्ण विसंगतियों का आरोप लगाया था, खासकर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां विपक्ष ने मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद की थी. 

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