Fact Check: इंदौर के 10 साल पुराने वीडियो को महू में हुई हिंसा से जोड़कर किया जा रहा शेयर, पढ़ें पड़ताल
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Fact Check: इंदौर के 10 साल पुराने वीडियो को महू में हुई हिंसा से जोड़कर किया जा रहा शेयर, पढ़ें पड़ताल

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लोगों को पकड़कर जमकर लाठियां भांजती पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के महू में भारत जीत के खिलाफ नारे लगाकर माहौल खराब करने वालों को पुलिस ने सबक सिखाया।

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बूम ने पाया कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर का मई 2015 का है। पुलिस ने इंदौर के परदेसीपुरा थाना क्षेत्र में चाकू के सहारे गुंडागर्दी करने वाले आरोपियों को पकड़ उन्हीं के इलाके में ले जाकर उन पर लाठियां बरसायी थीं।

क्या है दावा

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के महू में 9 मार्च 2025 की रात भारतीय क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला गया था। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने जुलूस पर पथराव किया, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महू का आधिकारिक नाम डॉ. आंबेडकर नगर है।

फेसबुक पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘भारत की जीत का जश्न महू पर उपद्रवियों ने गाड़ियां जलाई भारत जीत के खिलाफ नारे लगाए माहौल खराब कर पुलिस ने प्रसाद खिलाया और आरती उतारी और बधाई दी जीत की।’

(आर्काइव लिंक)

एक्स पर भी इसी दावे से वीडियो वायरल है।

(आर्काइव लिंक)

फैक्ट चेक

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को गूगल लेंस से सर्च किया तो पाया कि यह इंदौर का 2015 का पुराना वीडियो है। यह वीडियो इससे पहले जनवरी 2020 में भी इस गलत दावे से शेयर किया गया था कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने पर पुलिस ने सबक सिखाया।

हमें एबीपी न्यूज पर 29 मई 2015 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला। वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर पुलिस ने बीच सड़क पर कुछ गुंडों की पिटाई की थी। पुलिस का कहना था कि ये आरोपी चाकू से कई तरह के अपराध को अंजाम दे रहे थे और नशीले पदार्थ की सप्लाई कर रहे थे।

 

एबीपी की एक और विस्तृत न्यूज रिपोर्ट में बताया गया कि इंदौर के परदेसीपुरा थाना क्षेत्र में मंगलवार (26 मई 2015) की देर रात चाकूबाजी करने वाले वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया और उन्हीं के इलाके में ले जाकर उन पर जमकर लाठी डंडे बरसाए। रिपोर्ट में पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठाए गए।

आज तक 28 मई 2015 की एक रिपोर्ट में बताया गया कि इंदौर पुलिस ने गुंडों को पकड़कर उन्हीं के इलाके में ले जाकर पीटा। रिपोर्ट में लिखा गया, ‘बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इंदौर पुलिस ने तालिबानी रुख अख्तियार कर लिया। पुलिस किसी बदमाश की परेड निकाल रही, किसी को कान पकड़ कर उठक-बैठक करा रही है। बीते एक महीने में इंदौर के करीब 15 थानों से करीब 50 जुलूस निकले जा चुके हैं।’

इंडिया टीवी पर भी इंदौर पुलिस द्वारा आरोपियों की इस तरह परेड निकलवाए जाने की वीडियो रिपोर्ट देखी जा सकती है।

(This story was originally published by BOOM as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)



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