Fact Check: जवाहर लाल नेहरू की नदी में नहाते हुए तस्वीर कुंभ स्नान की बताकर हो रही वायरल, पड़ताल में जानें सच
ऑटो-ट्रांसपोर्ट

Fact Check: जवाहर लाल नेहरू की नदी में नहाते हुए तस्वीर कुंभ स्नान की बताकर हो रही वायरल, पड़ताल में जानें सच

Spread the love


सोशल मीडिया पर जवाहरलाल नहरू की एक तस्वीर शेयर की जी रही है। इस तस्वीर में नेहरू एक नदी में खड़े हुए नजर आ रहे हैं। 

क्या है दावा 

इस तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर 1954 में प्रयागराज उस समय के इलाहबाद में महाकुंभ आयोजन के दौरान की है। यहां जवाहरलाल नेहरू ने जाकर गंगा स्नान किया। 

आपको बता दें हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने अमित शाह के महाकुंभ में डुबकी लगाने पर बयान दिया था और सवाल पूछा था कि क्या नदी में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म हो जाएगी?

इस फोटो को शेयर करके अब एक्स यूजर मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साध रहे हैं। 

ऋषि बागरी (@rishibagree) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “प्रयागराज कुम्भ में गंगा स्नान करके देश की ग़रीबी दूर करते हुए जवाहर लाल नेहरू! 800 गरीबो को तो तत्काल मोक्ष प्राप्त हो गया था इनके वहाँ जाने से” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

दिलीप मंडल (@Profdilipmandal) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “प्रयागराज में गंगा स्नान करके देश की ग़रीबी दूर करते जवाहर लाल नेहरू! (1938) अब ठीक है @kharge जी?” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

दामोदर हेगड़े (@DamodarHegde4) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “कृपया अपने बड़े नेता से सीख लें। श्री जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में प्रयागराज कुंभ में गंगा में डुबकी लगाकर देश से गरीबी मिटाई थी! उनके दर्शन से 800 से ज़्यादा गरीब लोगों को तुरंत मोक्ष मिला। (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

पड़ताल 

इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। यहां हमें 2006 में इंडिया टुडे की बुक रिव्यू की रिपोर्ट मिला। इस रिपोर्ट हमें नहरू की कई अलग अलग तस्वीरों के साथ वायरल हो रही तस्वीर भी मिली। यहां इस तस्वीर के साथ लिखा हुआ था “जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद में अपनी मां की अस्थियों को विसर्जित करते हुए”

भारत सरकार की एक वेबसाइट पर बताया गया था कि नेहरू की मां का निधन 1938 में हुआ था।  

आगे हमने इस खबरा के बारे में और अधिक जांच करने की कोशिश की।  हमें द क्विंट की एक रिपोर्ट मिली यहां बताया गया था कि “स्वतंत्रता के बाद पहला कुंभ था, इसलिए 1954 में कई राजनेताओं ने इस मेले का दौरा किया था , जिनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी शामिल थे। जबकि प्रसाद संगम (पवित्र मानी जाने वाली नदियों का संगम) में पवित्र डुबकी लगाने वाले पांच मिलियन तीर्थयात्रियों में से एक थे, कहा जाता है कि नेहरू तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए कुंभ में मौजूद थे।

4 फरवरी 1954 को प्रकाशित अमृत बाजार पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, जब नेहरू से संगम में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैंने पवित्र डुबकी नहीं लगाई थी, बल्कि अन्य डुबकी लगाई थी।” हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संगम में पवित्र डुबकी नहीं लगाई थी, लेकिन जब यह त्रासदी हुई, तब वे कुंभ में मौजूद थे।”

पड़ताल का नतीजा 

हमारी पड़ताल में ये साफ है कि यह तस्वीर 1954 के महाकुंभ में डुबकी लगाने के समय नहीं ली गई है। बल्कि 1938 में उनकी माता के निधन के बाद इलाहबाद में अस्थियां विसर्जन के दौरान की है। 

 





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *