Fact Check: महाकुंभ में साधु के भेष में आतंकी गिरफ्तार होने का दावा फर्जी, पड़ताल में जानें सच्चाई
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Fact Check: महाकुंभ में साधु के भेष में आतंकी गिरफ्तार होने का दावा फर्जी, पड़ताल में जानें सच्चाई

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सोशल मीडिया पर महाकुंभ में साधु के वेश में एक आतंकी के पकड़े जाने के दावे से तस्वीर वायरल हो रही है। बूम ने पड़ताल के दौरान पाया कि कुंभ मेले में यति नरसिंहानंद के आश्रम के पास अयूब अली नाम का संदिग्ध पकड़ा गया था। हालांकि पुलिस ने पूछताछ के बाद अयूब को छोड़ दिया था। 

क्या है दावा

बूम ने यह भी पाया कि वायरल तस्वीर में दिख रहा शख्स अयूब अली नहीं है बल्कि यह एक एआई जनित तस्वीर है। वायरल तस्वीर में पानी के बीच दो पुलिस वाले एक साधु को रस्सी से बांधे नजर आ रहे हैं। इसके साथ कहा जा रहा है कि आतंकी अयूब खान साधु की वेशभूषा में मेला क्षेत्र में आ घुसा था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया, ‘उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले में आतंकी अयूब खान गिरफ्तार। साधु बनकर आया था और साधुओं में मिल गया था।’

पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फैक्ट चेक: वायरल दावा भ्रामक है

कुंभ मेले में अयूब नाम के शख्स के पकड़े जाने से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें 14 और 15 जनवरी की कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं।  

हिंदुस्तान की रिपोर्ट में बताया गया कि 14 जनवरी को जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के अखाड़े के बाहर शक के आधार पर एक संदिग्ध को पकड़ा गया।

रिपोर्ट के अनुसार, उस शख्स ने पहले तो अपना नाम आयुष बताया लेकिन पुलिस ने पूछताछ की तो उसका नाम अयूब निकला। आश्रम के लोगों का दावा था कि वह आयुष नाम बताकर आश्रम में घुसने की कोशिश कर रहा था।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि अयूब एटा के अलीगंज का रहने वाला है। अलीगंज पुलिस ने अयूब के पैतृक घर पर भी जाकर पूछताछ की थी। जानकारी के मुताबिक, अयूब का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में संदिग्ध का नाम अयूब अली बताया गया था। रिपोर्ट में अयूब की तस्वीर और उसका वीडियो भी मौजूद है। इस वीडियो में अयूब कह रहा है, “मैं घुमने आया था. मुझे मालूम नहीं था कि यहां अलाऊ नहीं है. मुझे किसी ने भेजा नहीं है, मैं अकेला आया हूं।” 

एसएसपी ने भी किया वायरल दावे का खंडन

मामले की अधिक जानकारी के लिए हमने मेला क्षेत्र के एसएसपी राजेश द्विवेदी से भी संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावों का खंडन करते हुए बूम को बताया, “कुंभ मेला परिसर में अयूब खान नाम के आतंकवादी की गिरफ्तारी का दावा गलत है। कुंभ में साधु के वेश में इस नाम का कोई आतंकवादी नहीं पकड़ा गया.”

हमने राजेश द्विवेदी से अयूब अली के हिरासत में लिए जाने की खबरों के बारे में भी पूछा। इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने  बताया, “हमने एक मजदूर अयूब अली को शक आधार पर हिरासत में लिया था. शुरुआत में उसके नाम को लेकर भ्रम था. उसने खुद स्पष्ट किया कि उसका नाम अयूब अली है। उससे पूछताछ करने के बाद हमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. वह हमारी हिरासत में नहीं है।”

वायरल तस्वीर AI जनरेटेड है

न्यूज रिपोर्ट में मौजूद अयूब की तस्वीरों को देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उसका चेहरा वायरल तस्वीर के चेहरे से मेल नहीं खाता। इसमें साफ दिखता है कि अयूब ने साधु की वेशभूषा धारण नहीं की थी। 

हमने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए इसे रिवर्स इमेज सर्च किया लेकिन हमें कोई विश्वसनीय परिणाम नहीं मिला। ध्यान से देखने पर हमने पाया कि वायरल तस्वीर की बनावट वास्तविक नहीं लग रही। इससे हमें इसके AI जनित होने का अंदेशा हुआ।

पुष्टि के लिए हमने तस्वीर को AI डिटेक्शन टूल Hivemoderation पर चेक किया। इस टूल के मुताबिक तस्वीर के AI जनित होने की संभावना 97.4 प्रतिशत है।

 

(This story was originally published by BOOM as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)



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