नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) की घोषणा के अनुसार नीट पीजी 2025 परीक्षा 15 जून 2025 को आयोजित की जाएगी। NBEMS ने 17 मार्च को परीक्षा की तारीख की घोषणा की थी। परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी और कई केंद्रों पर दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। पहली शिफ्ट सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक होगी। इस शेड्यूल की घोषणा के बाद अब दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित कराने को लेकर विवाद हो रहा है।
दो शिफ्ट में पेपर से क्यों खफा हैं छात्र?
दरअसल, MBBS छात्रों में नीट पीजी 2025 परीक्षा को दो शिफ्ट में कराए जाने को लेकर नाराजगी है। उन्होंने दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित कराने के फैसले का विरोध किया है। एमबीबीएस छात्रों के कई संगठन इस बात से खफा हैं कि परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने का फैसला क्यों किया गया? इससे इस एग्जाम की पवित्रता प्रभावित होगी। छात्र संगठनों का कहना है कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित कराई जाए ताकि निष्पक्षता बनी रही और एग्जाम में कोई धांधली या गड़बड़ी ना हो।
पिछले साल भी दो शिफ्ट में हुई थी परीक्षा
नीट पीजी परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित कराने के फैसले का विरोध करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि यह दूसरी बार है जब NBEMS ने नीट पीजी परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने का फैसला किया है। इससे पहले 2024 में भी परीक्षा दो शिफ्ट में कराने का फैसला लिया गया था। पिछले साल भी इस परीक्षा में 2.28 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और इस परीक्षा को 170 शहरों के 416 सेंटर्स पर सुबह 9 बजे से दोपहर 12.30 तक और दूसरी शिफ्ट में दोपहर 3.30 बजे से शाम 7 बजे तक आयोजित कराया गया था।
NBEMS के सामने छात्रों ने दर्ज कराया विरोध
विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस परीक्षा में करीब 3 लाख स्टूडेंट ही शामिल होंगे। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी में 15 लाख से अधिक छात्र केवल एक ही शिफ्ट में परीक्षा देते हैं। विरोध करने वाले छात्रों न NBEMS को एक खत लिखकर परीक्षा को दो से एक ही शिफ्ट में आयोजित कराने की मांग की है। उनका कहना है कि परीक्षा दो शिफ्ट में होने से नॉर्मलाइजेशन लागू हो सकता है जिससे परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हो सकती है।