Rouse Avenue Court orders FIR against Arvind Kejriwal in case of illegal hoardings
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Rouse Avenue Court orders FIR against Arvind Kejriwal in case of illegal hoardings

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Rouse Avenue Court FIR Against Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक स्थानीय अदालत की ओर से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने की। इस मामले में शिकायतकर्ता शिवकुमार सक्सेना ने अदालत में याचिका दायर की थी।

क्या है यह पूरा मामला?

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला राजधानी में राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के आरोपों का है। केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ सक्सेना की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में 2019 में द्वारका में अवैध होर्डिंग लगाने का आरोप लगाया गया था। शिकायतकर्ता ने तब पुलिस में केस दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उसने अदालत का रुख किया था। 

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ की गई शिकायत में कहा गया है कि Delhi Prevention of Defacement of Property Act, 2007 (DPDP Act) का उल्लंघन किया गया और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल और अन्य लोगों ने द्वारका में अनाधिकृत होर्डिंग लगाए।

अदालत ने क्या कहा?

अदालत ने कहा, ‘DPDP Act की धारा 3 के तहत इस अपराध की गंभीरता को इससे समझा जा सकता है कि अवैध होर्डिंग्स न केवल शहर की सुंदरता को खराब करते हैं बल्कि ये यातायात में रुकावट डालते हैं और पैदल चलने वालों व वाहनों की सुरक्षा के भी खतरा हैं।’ अदालत ने कहा कि भारत में अवैध होर्डिंग गिरने से मौतें होना कोई नई बात नहीं हैं।

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दिल्ली पुलिस ने किया विरोध

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का विरोध किया और कोर्ट को बताया कि शिकायत 2019 में दर्ज कराई गई थी और वर्तमान में वहां कोई होर्डिंग नहीं लगा है, इसलिए कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता। पुलिस ने यह भी कहा कि होर्डिंग्स पर प्रिंटिंग प्रेस के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी इसलिए यह पता लगाना मुश्किल है कि इन्हें कहां से और किसके कहने पर छापा गया।

पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में 8-10 लोगों के नाम लिए थे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम था लेकिन कोर्ट में दायर आवेदन में अधिकांश नाम हटा दिए गए।

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अदालत को गुमराह करने की कोशिश

पुलिस की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि बैनर बोर्ड लगाना या होर्डिंग्स लगाना संपत्ति को बिगाड़ने जैसा है। अदालत ने कहा कि पुलिस का यह बयान कि जांच की तारीख पर कोई होर्डिंग नहीं मिला, ऐसा लगता है कि जांच एजेंसी अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जज ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता ने कई लोगों के नाम छोड़ दिए हैं।

इसके बाद अदालत ने केजरीवाल व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

चुनाव हार गए थे केजरीवाल

बताना होगा कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। 2015 से लेकर 2025 तक लगातार दिल्ली में सरकार चलाने वाली आम आदमी पार्टी इस बार 22 सीटें ही जीत सकी थी जबकि भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली थी। केजरीवाल खुद भी इस बार विधानसभा का चुनाव हार गए थे। उन्हें नई दिल्ली सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और मौजूदा सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने हराया था। बताना होगा कि केजरीवाल इन दिनों दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में जमानत पर हैं।

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