US China trade war may trigger modi government commerce Ministry concerned
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US China trade war may trigger modi government commerce Ministry concerned

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US-China Trade War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले जब reciprocal tariffs लगाने का ऐलान किया और चीन की ओर से इसका जोरदार जवाब दिया गया तो यह सवाल बड़े पैमाने पर खड़ा हुआ था कि इसका भारत पर क्या और कितना असर हो सकता है? क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के हालात बनने लगे थे। बदलते हालात के बीच, मोदी सरकार का वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एक बात को लेकर परेशान दिख रहा है।

याद दिलाना होगा कि ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ की वजह से जब एशियाई बाजारों में हाहाकार मचा तो अमेरिका ने इस पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी लेकिन चीन के साथ उसने लड़ाई को जारी रखा है। इसके बाद से ही दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ की दरों में लगातार बढ़ोतरी कर रहे हैं।

ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ को बढ़ाकर 145% कर दिया है तो इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामान पर 125% टैरिफ लगा दिया है।

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डंपिंग को लेकर है चिंता

अब सवाल यह है कि भारत सरकार किस बात को लेकर परेशान है? इस मामले में सरकार के एक अफसर ने The Indian Express को बताया कि global trade tensions और reciprocal tariffs को लेकर हाल ही में आकलन किया गया है और इसमें भारत में आने वाले सामान की डंपिंग को लेकर चिंता जताई गई है।

अफसर के मुताबिक, अमेरिका में बढ़ती लागत के कारण चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश भारत को अपना सामान भेज सकते हैं। यह ऐसे देश हैं जो अमेरिका के व्यापार घाटे का सामना कर रहे हैं। अगर इन देशों ने माल भेजा तो इससे निश्चित रूप से भारत में आयात बढ़ जाएगा।

एक और चिंता इस बात की है कि चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर जो जवाबी टैरिफ लगाया गया है उसके कारण भारत में अमेरिका के कृषि उत्पादों का आयात और ज्यादा बढ़ सकता है।

ट्रेड हेल्प डेस्क की शुरुआत

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि ताजा हालात के मद्देनजर Directorate General of Foreign Trade (DGFT) ने 11 अप्रैल को ग्लोबल टैरिफ एंड ट्रेड हेल्प डेस्क की शुरुआत की है। इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय में एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई थी और इसमें अमेरिका की ओर से reciprocal tariffs लगाए जाने के बाद बनने वाले हालात पर गंभीर चर्चा की गई थी।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने The Indian Express से कहा कि टैरिफ को लेकर किए गए तमाम ऐलान और इसमें रोक लगाए जाने के बाद चीजें बदल रही हैं लेकिन हम आयात में बढ़ोतरी देख रहे हैं और कुछ देशों पर नजर भी रख रहे हैं। बर्थवाल ने कहा कि टैरिफ, काउंटर-टैरिफ, छूट और अन्य मामलों में दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है, इसके आधार पर हम आयात की निगरानी कर रहे हैं और स्टेकहोल्डर्स के भी संपर्क में हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि Directorate General of Trade Remedies (DGTR) जो एंटी-डंपिंग मामलों की निगरानी करता है, ने मार्च में चीन, जापान, ताइवान और यूरोपीय यूनियन से होने वाले आयात को लेकर कुछ अंतिम निष्कर्ष जारी किए हैं।

निर्यात में बढ़ोतरी को लेकर चिंता

दूसरी ओर, अर्थशास्त्रियों और व्यापार विशेषज्ञों ने भी चीन से होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई है। शुक्रवार को HDFC बैंक के एक रिसर्च नोट जारी कर कहा कि भारतीय निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ के सीधे प्रभाव के अलावा भारत को चीन से होने वाली ओवरसप्लाई पर “हाई रिस्क” का जोखिम भी झेलना पड़ रहा है और इससे domestic manufacturing को नुकसान हो सकता है।

क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा है कि भारत को अमेरिकी टैरिफ की वजह से पड़ने वाले अप्रत्यक्ष प्रभावों के हाई रिस्क का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और टैक्सटाइल के मामले में क्योंकि चीनी निर्यातक ज्योग्राफिकल डायवर्सिफिकेशन स्ट्रेटजी के तहत अपने शिपमेंट को भारत की ओर भेज सकते हैं।

कुल मिलाकर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की आशंका के बीच बन रहे हालात पर मोदी सरकार नजर रख रही है।





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