अमेरिका के MIT ने भारतीय छात्र को निकाला:  प्रह्लाद ने फिलिस्तीन के सपोर्ट में निबंध लिखा; यूनिवर्सिटी ने लगाया आतंकवाद के समर्थन का आरोप
शिक्षा

अमेरिका के MIT ने भारतीय छात्र को निकाला: प्रह्लाद ने फिलिस्तीन के सपोर्ट में निबंध लिखा; यूनिवर्सिटी ने लगाया आतंकवाद के समर्थन का आरोप

Spread the love


  • Hindi News
  • Career
  • MIT Suspended Indian Student Over Assay Written In Favour Of Palestine | Prahlad Iyenger

4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने एक भारतीय मूल के पीएचडी स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया है। स्टूडेंट प्रह्लाद अयंगर को इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के मुद्दे पर ‘फिलिस्तीन के समर्थन में’ एक निबंध लिखने के चलते यह निलंबन झेलना पड़ा है। उनके एसे का टाइटल ‘ऑन पेसिफिज्म’ था, जिसका अर्थ है- ‘शांतिवाद के मुद्दे पर।’ यह निबंध एक स्टूडेंट मैगजीन ‘रिटेन रिवोल्यूशन’ के अक्टूबर महीने के एडिशन में छपा था।

पेसिफिज्म की विचारधारा कहती है कि युद्ध और हिंसा ठीक नहीं हैं। सभी विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।

फिलिस्तीन के समर्थक हैं​ प्रहलाद अयंगर

MIT दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में से एक है। प्रहलाद MIT के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के स्टूडेंट हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रह्लाद एक्टिविस्ट हैं और एकेडमिक लेवल पर फिलिस्तीन के समर्थन में मुखर रहे हैं।

बतौर ग्रेजुएट स्टूडेंट पढ़ाई के दौरान वह खास तौर पर इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध से जुड़ी राजनीतिक चर्चाओं में शामिल रहे हैं।

अक्टूबर महीने में अयंगर ने रिटेन रिवोल्यूशन के लिए ‘ऑन पेसिफिज्म’ एसे लिखा था। ये निबंध छपने के बाद से ही काफी विवादों में रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें अयंगर ने फिलिस्तीन के समर्थन में अपने विचार लिखे हैं। विवाद बढ़ा तो MIT ने अयंगर को 2026 तक के लिए कैंपस से सस्पेंड कर दिया है।

बीते महीनों में MIT के स्टूडेंट्स ने फिलिस्तीन के समर्थन में कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन किए हैं।

बीते महीनों में MIT के स्टूडेंट्स ने फिलिस्तीन के समर्थन में कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शन किए हैं।

निबंध की भाषा हिंसा भड़काने वाली, आतंकी संगठन से जुड़ी तस्वीरें शामिल: MIT

MIT का आरोप है कि उन्होंने अपने निबंध में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है जो हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए भड़का सकती है। साथ ही इसमें पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (PFLP) से जुड़ी तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। इस फिलिस्तीनी संगठन को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।

MIT के मुताबिक ये तस्वीरें कैंपस की नीतियों के खिलाफ हैं। हालांकि अयंगर का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी भी तस्वीर को अपने एसे में शामिल नहीं किया है। उन्होंने कहा कि MIT के आरोप गलत हैं और यह उनके फ्री एक्सप्रेशन के राइट यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।

सोशल मीडिया साइट X पर अयंगर के वकील एरिक ली ने एक बयान जारी कर अयंगर का पक्ष रखा है। इसमें अयंगर के हवाले से कहा गया है, ‘यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन मुझ पर उन तस्वीरों के चलते आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगा रहा है, जिन्हें मैंने एसे में शामिल ही नहीं किया है।’

प्रह्लाद अयंगर

प्रह्लाद अयंगर

अयंगर को सस्पेंड किए जाने का विरोध हो रहा है

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब प्रह्लाद अयंगर के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया गया हो। 2023 में भी फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में शामिल होने के चलते उन्हें यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया गया था। हालिया कार्रवाई को भी यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर उनकी सक्रिय राजनीतिक सक्रियता से जोड़ा जा रहा है।

अयंगर के खिलाफ MIT प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया जा रहा है। रंगभेद के खिलाफ बने MIT गठबंधन ने इसे गलत बताया है और वह ‘अयंगर की सक्रियता का अपराधीकरण किए जाने’ के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है। संगठन ने रिटेन रिवोल्यूशन पर बैन को गलत बताया है। उसका कहना है कि इससे स्टूडेंट्स की आवाज दबाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। साथ ही दूसरे ऑर्गनाइजेशंस और संस्थानों को अयंगर के खिलाफ MIT के एक्शन का विरोध करने को कहा है।

अयंगर की पढ़ाई पूरी हो पाएगी या नहीं?

प्रह्लाद अयंगर को जनवरी 2026 तक कॉलेज से सस्पेंड किया गया है। उनकी 5 साल की फेलोशिप रद्द कर दी गई है। उन्होंने आज 11 दिसंबर को यूनिवर्सिटी के चांसलर के सामने इस कार्रवाई के खिलाफ अपील की है। वह चाहते हैं कि उन पर सस्पेंशन का समय कम किया जाए। उन्होंने अपने सस्पेंशन को असामान्य बताया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे निकालना और रिटेन रिवोल्यूशन को बैन करना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है। इस तरह कैंपस में एकेडमिक फ्रीडम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।’

वर्ल्ड की टॉप यूनिवर्सिटी है MIT हाल ही में जारी हुई QS ग्लोबल यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में MIT टॉप पर है। MIT लगातार 13 साल से शीर्ष पायदान पर बनी हुई है। MIT के बाद इंपीरियल कॉलेज लंदन का नंबर आता है। वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भी टॉप 5 में शामिल है। इस लिस्ट में भारत के सिर्फ दो इंस्टीट्यूट टॉप 150 में जगह बना पाए हैं।

ये खबर भी पढ़ें:

कनाडा में भारतीय स्टूडेंट की हत्या:हमलावर ने सीढ़ियों पर पीछे से गोली मारी; सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था

कनाडा में 20 साल के एक भारतीय छात्र की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। छात्र हर्षनदीप सिंह पंजाब के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *