दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के:  मेघालय का बर्नीहाट टॉप, दिल्ली सबसे पॉल्यूटेड कैपिटल; ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड समेत 14 देश सबसे साफ
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दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के: मेघालय का बर्नीहाट टॉप, दिल्ली सबसे पॉल्यूटेड कैपिटल; ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड समेत 14 देश सबसे साफ

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नई दिल्ली8 घंटे पहले

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दुनिया को 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के हैं। मेघालय का बर्नीहाट शीर्ष पर है। वहीं, दिल्ली सबसे प्रदूषित कैपिटल की कैटेगरी में टॉप पर है। स्विस एयर क्वालिटी टेक्नॉलॉजी कंपनी IQ एयर की 2024 की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट में भारत को दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में पांचवां स्थान दिया गया है। 2023 में हम तीसरे स्थान पर थे यानी पहले से दो स्थान नीचे आए हैं। मतलब भारत में पहले से प्रदूषण को लेकर कुछ सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में भारत में PM 2.5 के स्तर में 7% की गिरावट देखी गई।

2024 में PM 2.5 का स्तर औसतन 50.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जबकि 2023 में यह 54.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। फिर भी, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में हैं। दिल्ली में लगातार प्रदूषण का लेवल हाई दर्ज किया गया। यहां PM 2.5 का सालाना औसत 91.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा।

दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में पाकिस्तान के 4 और चीन का एक शहर भी शामिल है।

दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में पाकिस्तान के 4 और चीन का एक शहर भी शामिल है।

ओशिनिया दुनिया का सबसे साफ क्षेत्र ओशिनिया साल 2024 में दुनिया का सबसे स्वच्छ क्षेत्र रहा। इसके 57% शहर WHO के दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पूर्व एशिया के हर देश में PM2.5 के कंसंट्रेशन में कमी आई है, हालांकि सीमा पार धुंध और अल नीनो की स्थिति अभी भी प्रमुख फैक्टर बनी हुई है।

UN के मुताबिक, ओशिनिया में 14 देश हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, पापुआ न्यू गिनी, नौरू, किरिबाती, माइक्रोनेशिया और मार्शल आइलैंड्स शामिल हैं।

भारत के कई शहरों में PM 2.5 का स्तर 10 गुना ज्यादा भारत के शहरों में हवा इतनी खराब है कि 35% शहरों में हवा में धूल के छोटे-छोटे कण (PM2.5) का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बताए लेवल से 10 गुना ज्यादा है।

इस खराब हवा के कारण भारत में लोगों की सेहत खतरे में है। लोगों की औसत उम्र करीब 5.2 साल कम हो रही है।

एक रिसर्च के अनुसार, 2009 से 2019 के बीच भारत में हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौतें हवा में मौजूद PM2.5 कणों के प्रदूषण के कारण हुईं।

क्या है PM 2.5 PM 2.5 हवा में मौजूद 2.5 माइक्रॉन से छोटे सूक्ष्म प्रदूषण कणों को कहते हैं। ये कण फेफड़े और ब्लड में प्रवेश कर सकते हैं।

इससे सांस लेने में तकलीफ, दिल की बीमारी और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है।

इसकी सबसे बड़ी वजह गाड़ियों से और उद्योगों से निकलने वाला धुआं, लकड़ी और फसलों के खरपतवार का जलना शामिल है।

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