पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:  परिवार के बड़े-बूढ़ों की सेवा करना भी सिद्धि है
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: परिवार के बड़े-बूढ़ों की सेवा करना भी सिद्धि है

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  • Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Serving The Elders Of The Family Is Also An Achievement

43 मिनट पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

इन दिनों महाकुम्भ चल रहा है। कुछ लोगों ने कुम्भ से एक नई बात हासिल की और वो है सिद्ध-महात्माओं के दर्शन। कुम्भ की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वहां आपको ऐसी-ऐसी दिव्यात्माएं दिख जाएंगी, जो बाकी समय नहीं दिखेंगी। तो जो लोग सिद्ध हैं, उनको देखकर हम सिद्धि का अर्थ समझें।

सिद्धि का मतलब होता है कि आप जहां हैं, वहीं आपको वह प्राप्त हो जाए जिसकी आपको कामना है। अब इस सिद्धि का एक प्रयोग परिवार में करिए। कुछ समय के लिए परिवार पर केंद्रित हो जाएं। ऐसा परिवार, जिसमें बूढ़े माता-पिता हों और अन्य वृद्ध सदस्य हों। उनकी सेवा की सिद्धि साधिए।

कई घरों में जब बड़े-बूढ़ों की सेवा की जाती है तो वित्तीय दबाव आता है। तो यदि आप बड़े-बूढ़े हो रहे हों तो ध्यान रखिएगा, आपकी सेवा के लिए जिन लोगों पर दबाव आएगा, उनकी व्यवस्था करते चलें।

और यदि आप सेवा कर रहे हैं तो अपनी कमाई का एक हिस्सा सुरक्षित रखें। बजट बनाएं कि समय आने पर हम घर के बड़े-बूढ़ों की सेवा करेंगे, तो आर्थिक परेशानी नहीं होगी। यह भी एक सिद्धि है।

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