पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:  आपके धन कमाने में दूसरों का नुकसान आपसे न हो
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: आपके धन कमाने में दूसरों का नुकसान आपसे न हो

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5 घंटे पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

दुनिया की रीति अलग होती है और धर्म क्षेत्र की नीति अलग। धर्म की दुनिया में कहा जाता है कि जब आप अपना होना जान जाते हैं तो खुद मिट जाते हैं। और जब मनुष्य खुद को मिटाता है तो ईश्वर को पाता है, लेकिन दुनियादारी में उल्टा है। अपने होने के लिए दूसरे को मिटाना पड़ता है।

जब आप धन की दौड़ में हों तो ध्यान रखिएगा। कइयों को निर्धन बनाएंगे तब धनवान बन पाएंगे। और यह भी सही है कि जब आप धनवान होने की तैयारी करते हैं तो कइयों को धनवान बना भी देते हैं। कइयों के पेट भरेंगे। और हो सकता है कि आपके कारण कई भूखे मर जाएं। इसलिए दोनों संभावनाओं पर काम करिए।

कोशिश करें कि आपकी वैभव यात्रा में दूसरों का नुकसान आप से तो न हो। क्योंकि ईश्वर देख रहा है। हम जान भी नहीं पाते और दूसरों का नुकसान कर देते हैं। यह अज्ञात पाप ईश्वर हमारे नाम लिख देता है। आप चाहे जितनी सफाई दें। पर ऐसी भूलें यदि की हैं तो ईश्वर नहीं बख्शेगा।

इसलिए आगे बढ़िए पर उन लोगों को धक्का मत दीजिए जो समर्थ नहीं हैं। उनका शोषण मत कीजिए, बल्कि जो कुछ अच्छा दे सकते हैं ताे दीजिए। ईश्वर आपकी पीठ थपथपाएगा।

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