मृदुला द्विवेदी12 घंटे पहले
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धौलाधार पर्वतमाला का एक नजारा।
मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां की गर्मियां सुहावनी होती हैं। यहां आकर आप तिब्बती संस्कृति को करीब से महसूस करने के साथ-साथ शानदार प्राकृतिक नजारों को अपनी आंखों में कैद कर सकते हैं। यहां और आसपास घूमने के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं।
दलाई लामा मंदिर मैक्लोडगंज की यात्रा की शुरुआत दलाई लामा मंदिर से करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह एक सुंदर स्मारक है, जिसे चारों ओर से प्रार्थना ध्वजों और प्रार्थना चक्रों से सजाया गया है। मंदिर के परिसर से आसपास की पहाड़ियों के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं। यहां से सूर्यास्त को देखना शानदार अनुभव होता है। मुख्य मंदिर में एक विशालकाय बुद्ध प्रतिमा स्थापित है और दीवारों पर बौद्ध शिक्षाओं की कहानियां चित्रित हैं। यदि आप शाम के समय यहां आते हैं, तो संध्या प्रार्थना का हिस्सा भी बन सकते हैं, जहां भिक्षु मंत्रोच्चार करते हैं और घी के दीपक जलाए जाते हैं।
कालचक्र मंदिर यह धर्मशाला में स्थित है और यह मैक्लोडगंज से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर समय (कालचक्र) और उसकी शिक्षाओं को समर्पित है और बौद्ध अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। यहां एक ड्रेस कोड लागू है, जिसका पालन करना आवश्यक होता है। आमतौर पर बौद्ध मंदिरों में जाने के लिए घुटनों और कंधों तक शरीर ढंका होना चाहिए।
भागसुनाग मंदिर और जलप्रपात भागसुनाग मंदिर मैक्लोडगंज से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यदि आप हल्की सैर के मूड में हैं, तो यह शाम की चहलकदमी के लिए एक शानदार स्थान हो सकता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय लोगों के बीच अत्यंत श्रद्धा का केंद्र है। मंदिर के पास ही भागसुनाग जलप्रपात स्थित है, जो एक लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है। यदि आप आसपास और घूमना चाहें, तो यहां से कुछ दूरी पर देवदार के पेड़ों के बीच स्थित एक छोटा-सा तालाब है, जिसे डल झील कहा जाता है। इसे भी देखा जा सकता है।
त्रिउंड की ट्रेकिंग यह मैक्लोडगंज से लगभग 9 किलोमीटर की मध्यम कठिनाई वाली ट्रेकिंग है। यदि आपने पहले कभी ट्रेकिंग नहीं की है, तो यह आपके लिए एक अच्छा अनुभव साबित हो सकता है। आप सुबह जल्दी निकलकर शाम तक वापस लौट सकते हैं, लेकिन यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा। ट्रेक के रास्ते में चाय की दुकानें हैं और त्रिउंड की चोटी पर भोजनालय भी उपलब्ध हैं। धौलाधार पर्वतमाला के नजारे यहां से अत्यंत मनमोहक लगते हैं। यदि आप वहां रातभर रुकना चाहें, तो कमरे और टेंट उपलब्ध हैं। रात में रुकने से आप सूर्यास्त और अगली सुबह सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं।
मुख्य बाजार और खानपान मैक्लोडगंज का मुख्य बाजार संकरी गलियों के चारों ओर विकसित हुआ है, जहां अधिकांश होटल और कैफे स्थित हैं। यहां लगभग हर जगह का खाना बेहतरीन होता है, चाहे वह स्ट्रीट फूड हो, छोटे भोजनालय हों या फिर बड़े कैफे। आप यहां तिब्बती व्यंजनों जैसे मोमो, थुकपा, तिंगमो ब्रेड आदि का स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा इटालियन स्टाइल पिज्जा और अन्य तरह के खाने के विकल्प भी उपलब्ध हैं। मुख्य बाजार से आप टी-शर्ट, ज्वेलरी और अन्य हस्तशिल्प खरीद सकते हैं।
कैसे जाएं, कब जाएं? कैसे जाएं: निकटतम हवाई अड्डा गग्गल (कांगड़ा) हवाई अड्डा है, जो धर्मशाला से लगभग 15 किमी दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो लगभग 90 किमी दूर है। दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य शहरों से बसें नियमित रूप से धर्मशाला जाती हैं। कब जाएं: मार्च से जून तक का मौसम सबसे अच्छा समय है। इस वक्त मौसम सुहावना और ठंडा रहता है, जो ट्रेकिंग और स्थानीय पर्यटन के लिए उपयुक्त है। सितंबर से नवंबर तक हल्की ठंड रहती है और पहाड़ों के सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं। कहां ठहरें: यहां हर बजट के अनुरूप ठहरने के विकल्प उपलब्ध हैं। कई सस्ते होटल और होमस्टे मिल जाएंगे तो मिड-रेंज के होटल भी हैं। कुछ रिजॉर्ट और 4 स्टार होटल भी उपलब्ध हैं।