रिलेशनशिप- लंबे समय तक दुख में डूबे रहना खतरनाक:  मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर असर, एक्सपर्ट से जानिए निपटने के 8 तरीके
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रिलेशनशिप- लंबे समय तक दुख में डूबे रहना खतरनाक: मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर असर, एक्सपर्ट से जानिए निपटने के 8 तरीके

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16 घंटे पहलेलेखक: शशांक शुक्ला

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हम सभी कभी-न-कभी किसी गहरे दुख का सामना करते हैं। कई बार किसी बड़े नुकसान की वजह से हम गहरे शोक में डूब जाते हैं। इस नुकसान की भरपाई करना आसान नहीं होता है। हालांकि, शोक से उबरने के सही तरीके अपनाकर नुकसान को कम कर सकते हैं।

हममें से अधिकांश लोग दुख से निपटना नहीं जानते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हमारे घर-परिवार, स्कूल और समाज में यह बात नहीं सिखाई जाती है।

हम दुख से उबरना नहीं जानते हैं, तो इसकी वजह से अपना नुकसान कर बैठते हैं। दुख की वजह से मेंटल हेल्थ के साथ फिजिकल हेल्थ की परेशानी हो सकती है।

ऐसे में आज रिलेशनशिप में बात करेंगे कि शोक क्या है। साथ ही जानेंगे कि-

  • इसके लक्षण क्या हैं?
  • शोक से उबरने के तरीके क्या हैं?

शोक क्या है?

जब हम किसी से प्यार करते हैं या किसी चीज से बेहद लगाव होता है और वह दूर हो जाती है तो शोक में डूब जाते हैं। करीबी का निधन, पार्टनर से रिश्ता टूटना, घरेलू या सामाजिक दबाव की वजह से प्रेम-विवाह न कर पाने जैसी वजह से दुख हो सकता है।

इस स्थिति में हमें गुस्सा, अविश्वास और अपराधबोध भी महसूस हो सकता है। शोक नुकसान के बाद होने वाला एक नेचुरल रिएक्शन है।

यह हमारे मेंटल हेल्थ के साथ फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में सोने, खाने और सोचने-समझने में परेशानी हो सकती है।

शोक के लक्षण क्या हैं?

हर व्यक्ति शोक अलग तरीके से महसूस करता है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण सभी व्यक्तियों में देखने को मिलते हैं। शोक के लक्षण दो तरह के होते हैं। पहला भावनात्मक लक्षण है और दूसरा शारीरिक लक्षण, जिससे हमारा शरीर प्रभावित होता है।

भावनात्मक लक्षण

शोक के कई भावनात्मक लक्षण हो सकते हैं। यह हमारे इमोशंस को प्रभावित करता है और हम डर, अपराधबोध, उदास महसूस कर सकते हैं।

आश्चर्य और अविश्वास- नुकसान के तुरंत बाद, यह विश्वास नहीं हो होता है कि सचमुच ऐसा हुआ है। कभी-कभी आप उम्मीद करते हैं कि खोया हुआ व्यक्ति वापस आएगा जबकि आप जानते हैं कि वह व्यक्ति जा चुका है।

उदासी- गहरी उदासी शोक के सबसे आम लक्षणों में से एक है। इससे आपको खालीपन, निराशा या अकेलापन महसूस हो सकता है। इस स्थिति में कभी-कभी आप बहुत रोते हैं या भावनात्मक रूप से अस्थिर महसूस करते हैं।

अपराधबोध- आप जो कुछ नहीं कर पाए, उसे लेकर पछतावा महसूस करते हैं। कभी-कभी लंबी बीमारी के बाद किसी प्रियजन की मृत्यु पर भी अपराधबोध महसूस होता है।

डर- आपने अपना साथी, घर या नौकरी खो दिया है तो आप इनसिक्योर और चिंतित हो सकते हैं। इससे अकेले जीवन जीने का डर भी बढ़ सकता है।

गुस्सा- नुकसान के बावजूद, आपको गुस्सा और नाराजगी महसूस हो सकती है। कई मामलों में नुकसान होने पर हम खुद पर भी गुस्सा निकालने लगते हैं।

शारीरिक लक्षण

शोक केवल भावनात्मक ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी महसूस हो सकता है। इसके लक्षणों में थकावट, कमजोर इम्यून सिस्टम, वजन में कमी या बढ़ोतरी, शरीर में दर्द, ऐंठन और अनिद्रा शामिल है। हालांकि, अलग-अलग लोगों का एक्सपीरियंस अलग हो सकता है।

शोक की वजह क्या है?

हमारे जीवन में कई ऐसे पल आते हैं जो गहरे इमोशनल असर छोड़ जाते हैं। पेट्स का खोना, किसी का देहांत, रिश्तों का टूटना, स्वास्थ्य समस्याएं, इन सबकी वजह से हम उदासी, एंग्जाइटी और अकेलापन महसूस करते हैं।

आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

शोक के चरण

साल 1969 में स्विस-अमेरिकी मनोचिकित्सक एलिजाबेथ कुबलर रॉस ने शोक को पांच चरणों में बांटा था। उन्होंने लाइलाज बीमारियों से पीड़ित मरीजों का अध्ययन किया और इसी अनुभव के आधार पर शोक को पांच चरणों में बांटा। हालांकि, बाद में लोग इसे जिंदगी के नकारात्मक समय और नुकसान पर भी लागू करने लगे। आइए इन पांच चरणों को ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

क्या हैं शोक से उबरने के तरीके?

हम थोड़ा समय लेकर, अपने दुख को समझकर और धीरे-धीरे खुद को संभालते हुए फिर से अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा सकते हैं।

आइए शोक से उबरने के तरीके को ग्राफिक के जरिए समझते हैं।

शोक से उबरने की प्रक्रिया में रखें अपना ख्याल

शोक में होने के दौरान खुद की देखभाल महत्वपूर्ण है। किसी बड़े नुकसान की वजह से भावनात्मक स्थिति प्रभावित हो सकती है। शारीरिक और मानसिक देखभाल के जरिए आप कठिन समय से उबर सकते हैं।

अपनी देखभाल करें- जब हम शोक में डूबे होते हैं तो खुद की देखभाल करना महत्वपूर्ण हो जाता है। किसी को खोने की तकलीफ या बड़े नुकसान की वजह से हमारी ऊर्जा खत्म हो जाती है।

इमोशंस का सामना करें- हम भले ही अपने इमोशंस को दबा देते हैं, लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। ऐसा करने से शोक से उबरने में लंबा समय लग सकता है।

नशे से बनाएं दूरी- दुख से उबरने के लिए नशे का सहारा लेने से बचें। इससे आप अपने फिजिकल और मेंटल हेल्थ का नुकसान कर सकते हैं।

भावनाओं को लिखें- अगर आप अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने जाहिर करने में कतराते हैं तो अपनी भावनाओं को किसी नोटबुक में लिखें।

अपने पसंदीदा काम करें- जब आप गहरे शोक से गुजर रहे होते हैं तो कुछ भी करने का मन नहीं होता है, लेकिन एक बार आप अपने रुचि के कामों में हाथ आजमाएंगे तो अच्छा महसूस करेंगे।

किसी की सलाह लेने से बचें- कोई आपको आपसे बेहतर नहीं समझ सकता है। इसलिए जो कुछ आप महसूस करें उसके लिए शर्म या झिझक नहीं रखें। रोना चाहते हैं तो रोएं, हंस रहे हैं तो अच्छी बात है।

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