UP: संभल में झूठे मामले दर्ज हो रहे, जफर अली की गिरफ्तारी पर बोले राम गोपाल यादव, दत्तात्रेय होसबोले पर भी तंज
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UP: संभल में झूठे मामले दर्ज हो रहे, जफर अली की गिरफ्तारी पर बोले राम गोपाल यादव, दत्तात्रेय होसबोले पर भी तंज

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औरंगजेब को लेकर छिड़ी बहस और नागपुर में हुई हिंसा के बाद मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने टिप्पणी की है। 

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि अगर आप उनके बयानों की व्याख्या करें तो उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह उन्हीं पर लागू होता है।

दत्तात्रेय होसबोले का बयान

महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि बाबा साहब बीआर आंबेडकर द्वारा लिखित संविधान में धर्म आधारित आरक्षण स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर संघ की उपलब्धि नहीं है, बल्कि समाज की उपलब्धि है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आक्रमणकारी या आक्रांताओं जैसी मानसिकता वाले लोग भारत के लिए खतरा हैं। उन्होंने एक वक्त पर कर्नाटक में मचे बवाल को लेकर भी बात की और कहा कि भाजपा शासन के दौरान मंत्रियों के निजी सचिव के रूप में संघ के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए कभी जोर नहीं दिया गया।

जफर अली की गिरफ्तारी पर राम गोपाल यादव की टिप्पणी

वहीं सांसद राम गोपाल यादव ने संभल हिंसा के सिलसिले में जफर अली की गिरफ्तारी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। लोगों को आतंकित किया जा रहा है और उनकी संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है।

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संभल जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सदर पर आरोप है कि 24 नवंबर को हुए बवाल में उनकी भूमिका थी। उन्होंने भड़काऊ बयान दिया था। एसआईटी की जांच में तथ्य सामने आने पर गिरफ्तारी की गई है। एएसपी श्रीशचंद ने कहा कि 24 नवंबर के बवाल में आरोपी बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर शहर में सुरक्षा बढ़ाई गई। कई थानों की पुलिस के अलावा पीएसी और आरआरएफ को तैनात किया है। अधिकारी फ्लैगमार्च भी किया। 

जफर अली एडवोकेट के भाई ताहिर अली एडवोकेट ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा था कि उनके भाई को न्यायिक जांच आयोग के सामने अपने बयान दर्ज कराने थे। इसलिए पुलिस ने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई की है। कहा कि उनके भाई ने आयोग को बताया था कि गोली पुलिस ने चलाई थी और इसी में पांच लोगों की जान गई थी। यही बयान दर्ज कराने के लिए वह जाते उससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके भाई द्वारा जेल में रहकर भी यही बयान दर्ज कराया जाएगा। मालूम हो जफर अली एडवोकेट और पुलिस अधिकारियों के बीच पहले भी कई बार नोकझोंक हो चुकी है। जामा मस्जिद कमेटी सदर ने 24 नवंबर को हुए बवाल में पुलिस पर गोली चलाने का आरोप भी लगाया था।





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