9 घंटे पहले
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- विक्की कौशल की नई फिल्म ‘छावा’ चर्चाओं में है और खासी कमाई कर रही है। जीवन और करियर को बेहतर बनाने की प्रेरक बातें, उन्हीं की जुबानी…
कॉलेज में सोचता था कि पारंपरिक रास्ता चुनूंगा और अपनी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के बाद विदेश बस जाऊंगा। उसी दौरान एक मल्टीनेशनल कंपनी में जाना हुआ और इसने सब कुछ बदल दिया। जैसे ही मैं ऑफिस में दाखिल हुआ, मुझे अहसास हुआ यह मेरे लिए नहीं है। मैं खुद को एक क्यूबिकल में नहीं देख सकता। इस अनुभव से एक नया सपना उभरकर सामने आया। समझ आया कि मुझे क्या चाहिए। मुझे हमेशा स्टेज पर रहना, डांस और ड्रामा में भाग लेना पसंद था, लेकिन कभी एक्टिंग को करियर के रूप में नहीं सोचा। मैं शर्मीला था और सुर्खियों में आने को लेकर असहज था। अगर मैं इस खुशी को अपने करियर में बदल सकता, तो कभी ‘मंडे ब्लूज़’ महसूस नहीं करता। यह मानने में मुझे समय लगा कि एक्टिंग मेरा रास्ता हो सकती है। पहले मुझे खुद को समझाना पड़ा, फिर अपने परिवार को यकीन दिलाना पड़ा कि यही मुझे सच्ची खुशी देता है। मैं जीवन को किसी भ्रम में रहकर नहीं देख सकता, चाहे वह मुश्किल समय हो या अच्छा। मुझे हकीकत में जीने की सीख और आदत मिली है… और आज भी वैसा ही हूं। मैं कोई प्लान नहीं बनाता। मेरे पास कोई फ्लो चार्ट नहीं होता। बस एक ही ध्येय होता है, जिस दिन जो कर रहा हूं, उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दूं। कर्म और किस्मत में पक्का यकीन रखता हूं। दिन के अंत में, किसी को मुस्कराने की वजह देना चाहता हूं। अगर यह जानकर सोने जा सकूं कि मैंने दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार किया है, तो वही मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है। मैं आध्यात्मिकता को अपने कर्म से जोड़ता हूं। मेरा मानना है कर्म एक आध्यात्मिक कार्य है। आध्यात्मिकता अगर एक विचार है तो कर्म इसकी भौतिक अभिव्यक्ति है। इस जीवन में आपको सब मिलेगा। असफलता मिलेगी, सफलता मिलेगी, खुशियां मिलेंगी, दुख मिलेंगे, तनाव मिलेगा, सुकून भी हासिल होगा। आपको इन सभी चीजों का अनुभव एक ही जीवन में करना होगा। यही जीवन का अर्थ है। इसलिए जो करता हूं, छोटा हो या बड़ा, अगर वह मेरे अंतर्मन को सही लग रहा है तो ही करता हूं। अगर मैंने उसे सही उद्देश्य, ईमानदार इरादे से किया है, तो वह किसी न किसी रूप में जीवन के किसी मोड़ पर, वापस जरूर आएगा। चिंता को अपना दोस्त बना लो, आपको इसे काबू में रखना सीखना होगा।
काम से वफादार रहिए मैं वफादारी में विश्वास करता हूं। वफादारी किसी भी रिश्ते की सबसे महत्वपूर्ण बुनियाद होती है। यही मेरा व्यक्तिगत नजरिया है और अपने काम के मामले में भी मैं इसी राह पर चलना पसंद करता हूं। यदि आप अपने काम से वफादार रहेंगे तो आपका बुलंदियों तक पहुंचना तय है।
आदर्श जैसा कुछ नहीं मैं मानता हूं कि आदर्श पुरुष जैसा कुछ भी नहीं होता। तो आदर्श पति, आदर्श पुत्र या आदर्श भाई होने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। हम लगातार सीखते रहते हैं, आगे बढ़ते रहते हैं। अपने रिश्तों को मजबूत करते हैं। बस यह प्रक्रिया चलती रहती है। हम अच्छा बनने की कोशिश ही कर सकते हैं। (तमाम इंटरव्यूज में विक्की कौशल।)