एन. रघुरामन का कॉलम:  क्रिकेट एक सामान्य खेल से आगे बढ़कर बॉन्डिंग ग्लू बन गया है
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एन. रघुरामन का कॉलम: क्रिकेट एक सामान्य खेल से आगे बढ़कर बॉन्डिंग ग्लू बन गया है

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8 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

अमिताभ बच्चन से लेकर आमिर खान तक सारे क्रिकेट प्रेमी इस रविवार को अपनी कुर्सियों से उछल रहे थे, जब इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टी20 इंटरनेशनल में अभिषेक शर्मा का बल्ला मक्खन की गति से रन बना रहा था। वहीं मुंबई से कोसों दूर कुआलालंपुर में भारतीय टीम ने सारी टीमों को पछाड़ते हुए लगातार दूसरी बार अंडर-19 का वुमंस टी-20 वर्ल्ड कप खिताब जीता।

अगर अभिषेक ने 135 रन (54 गेंदें में सात चौके और और 13 छक्के लगाए) बनाए, जो कि टी20 में किसी भी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है और इस फॉर्मेट में उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, तो वहीं ऑलराउंडर गोंगाडी त्रिशा ने भी कमाल दिखाया।

उन्होंने 33 गेंदों में 44 रन बनाए और 15 रन देकर 3 विकेट झटककर उस दिन की स्टार बन गईं। इसलिए कोई भी कह सकता है कि इस रविवार को टी20 का फीवर अपने पीक पर था और इत्तिफाक से इस रविवार को तापमान भी ज्यादा था, फिर बात चाहे मुंबई की हो या कुआलालंपुर की, दोनों ही जगह पर भारत हावी था।

पिछले कुछ वर्षों से क्रिकेट के इस फीवर ने ‘एमेच्योर क्रिकेट लीग्स’ (एसीएल) को जन्म दिया है और तमाम अन्य शहरों में बेंगलुरु अगुआ के रूप में उभरा है, जहां पूरे शहर में गेटेड कम्युनिटी के लोगों को बाहर निकालकर क्रिकेट की लहर पैदा की है।

कुछ लोग इसे अपार्टमेंट क्रिकेट लीग कहते हैं, वो इसलिए क्योंकि यहां हर अपार्टमेंट की अपने नाम से एक टीम है, जैसे वुडविंड्स वॉरियर्स या हैबिटेक स्टालियन्स आदि और टी20 का यह फॉर्मेट युवा आईटी कर्मियों के बीच काफी फिट हो गया है, जिससे अपनेपन और समुदाय की एक मजबूत भावना को बढ़ावा दे रहा है।

दिलचस्प बात है कि कांक्रीट के जंगल के बीच ऐसे दर्जनों खेल के मैदान हैं, जो एसीएल की मेजबानी कर रहे हैं, जो कि स्थानीय खेल संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इसलिए इन लीग्स में सीएक्सओ और बिजनेस लीडर्स वीकेंड पर बैट और बॉल के साथ आसानी से दिख जाते हैं।

जैसे लोकल मैराथन से काफी पहले लोग दौड़ने की प्रैक्टिस करते हुए दिखते हैं, वैसे ही बेंगलुरु के युवा वाकई कड़ी मेहनत करते दिखते हैं, जबकि आयोजक इस बात को आश्वस्त करते हैं कि हर बारीक से बारीक चीज का ध्यान रखा जाए ताकि आयोजन सफल रहे।

क्रिकेट के प्रति जुनून और उम्दा खेल प्रतिभा ही सिर्फ दो योग्यताएं होनी चािहए। अपार्टमेंट लीग में खेलने के लिए रिटायमेंट की कोई उम्र या किसी तरह का उम्र में अंतर मायने नहीं रखता और यही एक कारण है कि ये लीग इतनी हिट क्यों हैं। टीम की सूचियों में आमतौर पर 20 के शुरुआती दशक के खिलाड़ियों से लेकर 50 के अंत तक के खिलाड़ी तक शामिल होते हैं, जो ऊर्जा, अनुभव और कौशल का मिश्रण बनाते हैं।

चूंकि ये कोविड के बाद शुरू हुआ, अब इस गेम का अपना एप है, जो आंकड़े समेत हर बारीक जानकारी ट्रैक करता है। ये एप यूजर्स को स्थानीय मैच ट्रैक करने और ऑनलाइन स्कोर पब्लिश करने में मदद करता है, जिससे इंटरनेशनल मैच जैसा अनुभव होता है।

ये पेशेवर स्कोरिंग एप्स के मानकों से मेल खाता है। अन्य टीम आंकड़ों के जरिए क्रिकेटरों की क्षमता का मूल्यांकन कर सकती हैं और उनके खिलाफ खुद को तैयार कर सकते हैं। मैच या टूर्नामेंट के खिलाड़ियों का चयन करने के अलावा, एप हर खिलाड़ी का रिकॉर्ड वैसे ही रखता है जैसे क्रिकेट की पेशेवर दुनिया करती है।

कोई ताज्जुब नहीं होगा, कल को अगर अपार्टमेंट अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की नीलामी शुरू कर दें और इससे अर्जित धन का उपयोग सोसायटी रखरखाव के लिए करें। दूसरी ओर, इस बात पर भी चौंकना नहीं चाहिए, अगर कुछ कॉलोनियां म्यूनिसिपल ग्राउंड किराए पर लेकर मैच कराएं और एडवांस लोकेलिटी मैनेजमेंट (एएलएम) के लिए पैसे जुटाएं, ये सिविक-सिटीजन पार्टनरशिप है, जो आसपास के इलाके की जीवन गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। एएलएम मुंबई में स्थानीय नागरिक निकायों के साथ काम करने के लिए लोकप्रिय हैं।

फंडा यह है कि हमें हर खेल को ऐसा बनाना चाहिए कि यह पूरी मानव जाति को एक बॉन्डिंग ग्लू के रूप में जोड़कर खुशियां फैलाए।

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