सेहतनामा- रोज 5 से 15 बार फार्टिंग करते इंसान:  ये है स्वस्थ होने की निशानी, न होना बीमारी का संकेत, जानिए फार्टिंग का साइंस
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सेहतनामा- रोज 5 से 15 बार फार्टिंग करते इंसान: ये है स्वस्थ होने की निशानी, न होना बीमारी का संकेत, जानिए फार्टिंग का साइंस

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10 घंटे पहलेलेखक: गौरव तिवारी

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दुनिया का हर इंसान हर रोज डकार और फार्ट (पाद) के जरिए आधा लीटर से ढ़ाई लीटर तक गैस रिलीज करता है। पादना। ये शब्द सुनकर अजीब लग रहा है न। इसे लेकर अजीब सा टैबू, शर्म, संकोच जो है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस धरती के 99 फीसदी जीव पादते हैं यानी फार्ट करते हैं। यह उतना ही सहज, स्वाभाविक है, जितना कि हमारा सांस लेना, छींकना, खांसना और नाक का बहना। यह न सिर्फ प्राकृतिक है, बल्कि हमारे स्वस्थ होने की निशानी भी है।

फिर भी पढ़ते हुए आप असहज न हों, इसके लिए हम आगे कहानी में फार्ट शब्द का ही इस्तेमाल करेंगे।

जब हम सांस लेते हैं, कुछ खाते–पीते हैं तो हवा हमारे पेट में चली जाती है। इसके अलावा पाचन तंत्र में मौजूद बैक्टीरिया भी पेट के अंदर गैस बनाते हैं। यह गैस डकार या फार्ट के जरिए शरीर से बाहर आती है।

फार्टिंग एक बेहद नेचुरल प्रोसेस है। यह बॉडी का बुनियादी फंक्शन है। कई बार तो खुद को पता ही नहीं चलता है कि हमने गैस रिलीज की है।

फार्टिंग गैस कभी गंध रहित हो सकती है तो कभी इसके साथ बुरी गंध भी होती है। यह कॉन्स्टिपेशन, डाइजेशन में समस्या या किसी ऐसे फूड के कारण हो सकता है, जिसे पचाने में हमें मुश्किल होती है।

इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज फार्टिंग की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • फार्टिंग के पीछे क्या साइंस है?
  • कुछ लोग ज्यादा गैस क्यों छोड़ते हैं?
  • क्या फार्टिंग गैस से बुरी स्मेल किसी बीमारी का इशारा है?

प्रतिदिन 5 से 15 बार फार्टिंग करता है इंसान

पूरी दुनिया के लोग रोज 5 से 15 बार गैस छोड़ते हैं। कुछ लोग 25 बार तक गैस छोड़ते हैं। यह बहुत समान्य बात है। इस बारे में सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सावन बोपन्ना कहते हैं-

फार्टिंग के बाद मिलती है हॉस्पिटल से छुट्टी

डॉ. सावन बोपन्ना कहते हैं कि जब हॉस्पिटल में किसी की सर्जरी होती है या कोई पेट संबंधी समस्या के कारण हॉस्पिटल में एडमिट होता है तो फार्टिंग नहीं होने तक उसे हॉस्पिटल से छुट्टी नहीं मिलती है। फार्टिंग गैस को पेशेंट के स्वस्थ होने की निशानी माना जाता है।

सवाल: क्या हर कोई फार्टिंग करता है?

जवाब: हां, इस मामले में कोई अपवाद नहीं है। अगर कोई अपवाद है तो वह बीमार है। उसे इलाज की जरूरत है। जो हवा हमने निगली है और पेट में रहने वाले बैक्टीरिया ने पाचन की क्रिया में बनाई है, वह तो बाहर निकलेगी ही। दुनिया के सबसे पॉपुलर फिल्म स्टार्स, सबसे अमीर शख्स से लेकर दिहाड़ी मजदूर तक सब फार्टिंग करते हैं।

सवाल: क्या सबके फार्ट से स्मेल आती है?

जवाब: हां, आमतौर पर फार्टिंग गैस से स्मेल आती है। यह कितनी कम या ज्यादा होगी, यह हमारे भोजन पर निर्भर करता है। खाने के मुताबिक इसकी स्मेल भी बदल सकती है।

सवाल: फार्टिंग गैस से कब-कब बुरी स्मेल आती है?

जवाब: फार्टिंग गैस से बुरी स्मेल आने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में असंतुलित डाइट के कारण ऐसा होता है। इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं, ग्राफिक में देखिए।

ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को थोड़ा विस्तार से समझिए।

हाई फाइबर फूड के कारण

फाइबर युक्त चीजों को पचाने में बहुत समय लगता है। हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम कुछ अच्छे बैक्टीरिया की मदद से इन्हें फर्मेंट करता है। इस प्रोसेस में गैस बनती है। यही कारण है कि फाइबर से भरपूर ब्रॉकली, गोभी, मूली, चुकंदर जैसी चीजें खाने पर ज्यादा गैस पास होती है और इससे स्मेल भी आती है।

फूड इनटॉलरेंस

अगर किसी को कुछ फूड से इनटॉलरेंस की समस्या है तो फार्टिंग गैस से स्मेल आ सकती है। इसे ऐसे समझिए कि लैक्टोज इनटॉलरेंट लोग दूध में मौजूद शुगर लैक्टोज को ब्रेक नहीं कर सकते हैं। इसलिए आखिर में बैक्टीरिया इसे फर्मेंट करते हैं, तभी स्मेल आती है।

एंटीबायोटिक्स खाने से

एंटीबायोटिक्स शरीर में हानिकारक पैथोजेन्स को मारते हैं। हालांकि, इस दौरान वे पेट में कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट कर सकते हैं। इन बैक्टीरिया की कमी होने पर खाना पचाने में मुश्किल होती है तो कब्ज हो जाता है। इसलिए गैस से बुरी स्मेल आने लगती है।

कॉन्स्टिपेशन

कॉन्स्टिपेशन का मतलब है कि पाचन के लगभग आखिरी स्टेप्स में आकर भोजन बड़ी आंत में जमा हो गया है। अगर कोई नियमित रूप से पूप रिलीज नहीं कर रहा है तो इससे बुरे बैक्टीरिया पनप सकते हैं और गैस से स्मेल आने लगती है।

डाइजेस्टिव ट्रैक्ट इन्फेक्शन

कुछ बैक्टीरिया डाइजेस्टिव सिस्टम में इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके कारण गैस सामान्य से ज्यादा हो सकती है और इससे बुरी स्मेल आ सकती है। इस दौरान पेट दर्द और दस्त भी हो सकते हैं।

कोलोन कैंसर

फार्टिंग गैस से बुरी स्मेल का रेयर कारण कोलोन कैंसर भी है। जब पाचन तंत्र में ट्यूमर बनते हैं तो बाउल मूवमेंट रुक सकता है, जिसके कारण गैस और सूजन की समस्या हो जाती है।

बेरिआट्रिक सर्जरी

बेरिआट्रिक सर्जरी के कारण भी कॉम्प्लिकेशन डेवलप हो सकते हैं। इसके कारण पेट छोटी आंत से वेस्ट ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता है। इसे डंपिंग सिंड्रोम भी कहा जाता है। यही कारण है कि फार्टिंग गैस से स्मेल आने लगती है।

सवाल: गैस से बुरी स्मेल आने पर कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

जवाब: डॉ. सावन बोपन्ना कहते हैं कि आमतौर पर गैस से स्मेल आना या स्मेल नहीं आना, गैस होने से हल्का-फुल्का पेट फूलना चिंता की बात नहीं है।

हालांकि गैस के साथ कुछ अजीब लक्षण भी दिख रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

सवाल: फार्ट होल्ड करने पर क्या होता है?

जवाब: अगर आप फार्ट को बार-बार होल्ड करते हैं तो यह गैस बड़ी आंत में ही रुकी रहती है। यह कई बार एकदम चुपचाप तरीके से रिस जाती है। कई बार आपके पॉटी जाने पर रिलीज होती है। कुल मिलाकर यह देर-सबेर बाहर आ ही जाती है।

अगर किसी कारणवश पेट में गैस ज्यादा बन रही है तो इसे होल्ड करने से पेट में ऐंठन और दर्द हो सकता है।

सवाल: क्या फार्टिंग से जर्म्स फैलते हैं?

जवाब: नहीं, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि फार्टिंग गैस से जर्म्स फैल सकते हैं।

सवाल: क्या जानवर भी फार्टिंग करते हैं?

जवाब: हां, इंसानों की तरह जानवर भी फार्टिंग करते हैं। कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, गाय और भैंस, सभी फार्टिंग करते हैं। यहां तक कि डायनासोर भी फार्टिंग करते थे। हालांकि, चिड़ियां और कुछ मछलियां फार्ट नहीं करती हैं। दुनिया में ऐसे बहुत कम लिविंग बीइंग्स हैं, जो फार्टिंग नहीं करते हैं।

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