Fact Check: कर्नाटक के पुलिसकर्मियों ने नहीं छुए कांग्रेस नेता के पैर, ये है वायरल दावे की सच्चाई
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Fact Check: कर्नाटक के पुलिसकर्मियों ने नहीं छुए कांग्रेस नेता के पैर, ये है वायरल दावे की सच्चाई

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोग कार में बैठे एक आदमी के पैर छूते हुए नजर आ रहे हैं। 

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क्या है दावा 

इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि वह व्यक्ति कर्नाटक के एक नेता हैं, कुछ लोगों का आरोप है कि वह कांग्रेस विधायक हैं। कहा जा रहा है कि वर्दी पहने पुलिस वाले कांग्रेस विधायक के पैर छूते हुए नजर आ रहे हैं। 

रोहित वशिष्ठ नाम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा “कर्नाटक पुलिस की ये ओकात रह गई है कांग्रेसी नेताओं के सामने। क्या चुनाव आयोग और मियां-लॉर्ड को यह दिखाई देगा।” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

विक्रम बुंदेला नाम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा “कर्नाटक पुलिस की अब ये हैसियत रह गई है कांग्रेसी नेताओं के सामने” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें daijiworldnews नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह वीडियो 14 मार्च 2025 को पोस्ट हुआ दिखाई दिया। इस पोस्ट के साथ कन्नड़ भाषा में एक कैप्शन भी लिखा हुआ था। इस कैप्शन का अनुवाद इस प्रकार है बागलकोट में छह पुलिसकर्मियों को स्वामी जी के पैर छूने और उनसे पैसे लेने के कारण स्थानांतरित कर दिया गया।

इसी इंस्टाग्राम पोस्ट से कुछ संकेत लेते हुए हमने कीवर्ड से इस खबर के बारे में अन्य मीडिया रिपोर्ट को खोजने की कोशिश की। वहां हमें टीवी 9 कन्नड़ पर यह खबर 14 मार्च 2025 को प्रकाशित मिली। इस खबर में बताया गया था कि “ बागलकोट में पुलिस अधिकारियों ने सिद्धनकोला शिवकुमार स्वामीजी के पैरों को छूने और पैसे लेने का एक वीडियो वायरल हुआ था। यह काफी चर्चा का विषय रहा। आलोचना हुई कि वर्दी में न केवल सलामी देना बल्कि पैसे लेना सही नहीं था। इस स्थिति में, स्थानांतरण का इस्तेमाल किया गया है। बागलकोट एसपी अमरनाथ रेड्डी ने छह कांस्टेबलों के तबादले का आदेश जारी किया है। बादामी से विभिन्न स्टेशनों में तबादला किया गया।”

खबरों से साफ है कि कर्नाटक पुलिस ने किसी कांग्रेस नेता के पैरों को नहीं छुआ है। सिद्धनकोला शिवकुमार स्वामीजी को सभी मीडिया रिपोर्ट में धार्मिक नेता बताया गया है। आगे हमने कर्नाटक विधानसभा के सदस्यों की सूची को देखा। यहां हमें इस सूची में कहीं भी सिद्धनकोला शिवकुमार नाम से कोई विधायक नहीं दिखा। 

पड़ताल का नतीजा 

हमारी पड़ताल में यह साफ है कि कर्नाटक पुलिस के द्वारा कांग्रेस नेता के पैर छूने का दावा भ्रामक है। 

 





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